केंद्र सरकार ने न्यायमूर्ति बीरेंद्र कुमार को पटना हाईकोर्ट से राजस्थान हाईकोर्ट में स्थानांतरित करने की अधिसूचना जारी की
केंद्र सरकार ने मंगलवार को पटना हाईकोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति बीरेंद्र कुमार को राजस्थान हाईकोर्ट में स्थानांतरित करने की अधिसूचना जारी की।
जस्टिस बीरेंद्र कुमार का जन्म 23 मई 1963 को हुआ था। उन्होंने एलएलबी की पढ़ाई पूरी की। वर्ष 1986 में पटना लॉ कॉलेज, पटना से डिग्री ली।
उन्होंने पटना सिविल कोर्ट और पटना हाईकोर्ट में विभिन्न सिविल और आपराधिक मामलों में प्रैक्टिस की।
जस्टिस कुमार वर्ष, 1997 में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश के रूप में बिहार सुपीरियर न्यायिक सेवा में शामिल हुए।
उन्होंने वर्ष 2011 से 2014 तक पटना हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल का पद भी संभाला।
पदोन्नति से पूर्व वह पटना के जिला एवं सत्र न्यायाधीश के पद पर तैनात थे।
जस्टिस बीरेंद्र कुमार 16 नवंबर, 2016 को पटना हाईकोर्ट के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया था।
सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने 28 अक्टूबर को अपने प्रस्ताव में पटना हाईकोर्ट से राजस्थान हाईकोर्ट में उनके स्थानांतरण की सिफारिश की।
इस साल जुलाई में पोक्सो के तहत एक मामले में एक आरोपी को बरी करते हुए उन्होंने माना था कि पीड़िता की अनुमानित उम्र का सबूत सही उम्र के सबूत की जगह नहीं ले सकता।
यह देखते हुए कि एक ट्रायल कोर्ट के न्यायाधीश ने पॉक्सो अधिनियम के तहत दोषी ठहराए गए व्यक्ति को सजा सुनाते समय स्वर्गीय जगजीत सिंह के संस्कृत श्लोक और ग़ज़लों का उल्लेख किया था।
उन्होंने कहा था कि ट्रायल जज को "न्यायिक अकादमी में स्पेशल ट्रेनिंग की आवश्यकता है।"
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