'दुर्भाग्यपूर्ण': कलकत्ता हाईकोर्ट जज ने सुनवाई से इनकार करते हुए कहा कि वकील ने उनसे अनुकूल आदेश के लिए व्यक्तिगत रूप से संपर्क किया
कलकत्ता हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति शेखर बी. सराफ ने एक अभूतपूर्व घटनाक्रम में शुक्रवार को एक मामले की सुनवाई से खुद को अलग करते हुए कहा कि एक पक्षकार का प्रतिनिधित्व करने वाले एक वकील ने अनुकूल आदेश जारी करने के लिए व्यक्तिगत रूप से उनसे संपर्क किया।
जस्टिस सराफ ने इस घटना को 'बेहद दुर्भाग्यपूर्ण' बताते हुए वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए पेश हो रहे वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे को संकेत दिया कि गुमराह करने वाला वकील भी उसी पक्ष का है, जिसकी ओर से वह पेश हो रहे हैं।
वरिष्ठ वकील साल्वे ने पूरी घटना को 'अप्रिय' बताते हुए कहा कि वे फौरन इस मामले के ब्रिफिंग्स लौटा रहे हैं और इस घटना के बाद वे इस मामले में पेश नहीं होंगे।
उन्होंने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि दुर्भाग्य से यह पहली बार नहीं है कि उन्हें भ्रष्ट आचरण का आरोप लगाने वाली इस तरह की शिकायत के बारे में बताया जा रहा है।
जस्टिस सराफ ने मामले की सुनवाई से खुद को अलग करते हुए कहा,
"इन दुर्भाग्यपूर्ण परिस्थितियों के कारण, मैं इस मामले से खुद को अपने निजी कारणों से अलग करता हूं।"
कोर्ट रूम एक्सचेंज
जस्टिस सराफ:
"यह मेरा सौभाग्य होता अगर मैं आपको इस मामले में सुन पाता लेकिन हालात ऐसे हैं कि मैं कम से कम इस अवसर पर ऐसा नहीं कर पाऊंगा। मैं आपको बताता हूं कि मैंने क्यों और इंतजार किया... आपको पता है कि मैं चाहता था कि आप इस मामले में पेश हों और फिर मैं आपको सूचित करूं कि इस मामले में क्या हुआ है। मुझसे सीधे किसी ने संपर्क किया।
उस व्यक्ति ने मुझे संकेत दिया कि आप पेश होंगे... बेहद अफ़सोस... कोई आपके चैंबर में आता है और आपसे संपर्क करता है। मेरा मतलब है कि लोगों में इस न्यायालय के न्यायाधीशों या भारत भर के न्यायाधीशों के प्रति ऐसी धारणा है। मैं उस समय इतना चौंक गया कि और मैंने उस समय उसे कुछ नहीं कहा। मैं उसे बाद में टैप कर सकता था। वह कई मौकों पर मुझसे मिलना चाहता था लेकिन मैं नहीं मिला... मैं उससे दूर रहा। अगर वकील आते हैं और इस तरह हमें हमें भ्रष्ट करने की कोशिश करते हैं यह बहुत मुश्किल हो जाता है।"
साल्वे:
"यह अप्रिय है... माई लॉर्ड यह सबसे खराब बात है... यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि ऐसा किया जा रहा है... भारी मन से मुझे कहना होगा कि यह पहली बार नहीं है जब मैंने इस तरह की शिकायत सुनी है। माई लॉर्ड को इस मामले को नहीं सुनना चाहिए और मैं इस मामले में पेश नहीं होऊंगा।"
जस्टिस सराफ:
"यह आपकी अच्छी सोच और बुद्धिमानी है, जो सराहनीय है .. इंडियन बार के एक प्रमुख का उपयोग करके आप एक आदेश को आगे बढ़ाने की कोशिश करते हैं।"
साल्वे:
"यह अप्रिय है... माई लॉर्ड को इस मामले को छोड़ देना चाहिए। मैं इसके ब्रीफ वापस कर दूंगा।"
जस्टिस सराफ:
"मैं आपको बाद में बताऊंगा कि वह व्यक्ति कौन है। मुझे उम्मीद है कि मुझे एक और मौका मिलेगा... हम भाग्यशाली हैं कि इस वर्चुअल कनेक्टिविटी के कारण हमें आपको सुनने का अवसर मिलता है। फिर से आइए, मेरे सामने फिर से पेश होने के अवसर के लिए प्रयास करें।"
साल्वे:
"यह मेरा सौभाग्य है..मैं इसके लिए तैयार हूं।"
तदनुसार, न्यायाधीश मामले की सुनवाई से अलग हो गए।