बॉम्बे हाईकोर्ट ने मॉल में आने-जाने के रास्ते से अलग रास्ते की वाली शराब की दुकान को खोलने की अनुमति दी
बॉम्बे हाईकोर्ट ने शुक्रवार को वृहन मुंबई नगरपालिका को 'वर्ल्ड ऑफ़ वाइंज़'नामक शराब के स्टोर को खोलने की इजाज़त देने का आदेश दिया। यह दुकान नरीमन प्वाइंट पर एक मॉल में है। शराब की इस अलग दुकान को नगरपालिका के नियमों के तहत होम डिलीवरी की भी अनुमति देने को कहा है।
न्यायमूर्ति एसजे कठवल्ला और न्यायमूर्ति एसपी तावड़े की पीठ ने इस स्टोर के मालिक ओजस मार्केटिंग मैनजमेंट प्राइवेट लिमिटेड की याचिका पर सुनवाई के बाद यह फ़ैसला दिया। तकनीकी रूप से यह स्टोर CR2 मॉल में है जो नरीमन प्वाइंट पर है। अदालत ने कहा कि नगर पालिका ने कुछ ज़्यादा ही तकनीकी मामला बनाकर स्टोर को खोले जाने से मना कर दिया।
शुरू में, 3 मई को शराब की दुकानों को खोले जाने की अनुमति दी थी पर भीड़ बहुत होने के कारण इन्हें तत्काल बंद करने को कहा। बाद में 23 मई को शराब की होम डिलीवरी की इजाज़त दी गई। लेकिन इसके बावजूद मॉल में मौजूद शराब की दुकानों को अपने ग्राहकों को इसकी डिलीवरी की इजाज़त नहीं दी गई।
दुकानदार ने इसके बाद राज्य के आबकारी विभाग को इसके बारे में आवेदन पत्र लिखा पर इसका भी कोई नतीजा नहीं निकला।
याचिकाकर्ता के वकील हीरेन कामोद और प्रेम खुल्लर ने CR2 मॉल का लेआउट प्लान, और स्टोर के इंट्रन्स का फ़ोटो कोर्ट में पेश किया यह बताने के लिए कि मॉल में होने के बावजूद यह स्टोर स्वतंत्र रूप से खड़ा है और नरीमन प्वाइंट से सीधे इस स्टोर में कोई आ-जा सकता है।
सरकारी वक़ील ज्योति चव्हाण ने कहा कि इस स्टोर की जो सेल डीड और लेआउट प्लान है, उसमें बताया गया है कि स्टोर CR2 मॉल के अंदर है और इसलिए उसे इस स्टोर को खोलने की इजाज़त नहीं दी जा सकती।
निगम के वकील अनिल सखारे ने भी कहा कि सिर्फ़ शराब की स्वतंत्र दुकानों को खोले जाने की इजाज़त दी गई है और चूंकी मॉल अभी नहीं खुले हैं, इसलिए इस दुकान को खोलने की इजाज़त नहीं दी जा सकती।
अदालत ने कहा कि वह कामोद की इस दलील से इत्तफ़ाक़ रखते हैं कि यह स्टोर हर तरह से एक स्वतंत्र स्टोर है।
पीठ ने कहा,
"…राज्य ने मॉल के अंदर व्यवसाय को दुबारा शुरू करने की इजाज़त सिर्फ़ इसलिए नहीं दी है, ताकि एक जगह पर ज़्यादा लोग जमा न हों और सामाजिक दूरी बनाए रखने के नियम का पालन नहीं हो सके।
हम यह नहीं समझ पा रहे कि याचिककर्ता को अपनी दुकान को खोलने की इजाज़त देना क्यों उस छूट के तहत नहीं आता जिसकी अनुमति दी गई है क्योंकि इस स्टोर में आने-जाने का रास्ता स्वतंत्र है और CR2 मॉल के आने-जाने के रास्ते के प्रयोग की ज़रूरत ही नहीं है।"
इस तरह अदालत ने इस याचिका को स्वीकार कर लिया राज्य के आबकारी विभाग और एमसीजीएम को निर्देश दिया कि वह याचिकाकर्ता को अपने ग्राहकोंन को स्वतंत्र दुकानों के लिए जारी दिशा निर्देश के तहत होम डिलीवरी की इजाज़त दे।
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