बार काउंसिल ऑफ राजस्थान वित्तीय संकट झेल रहे वकीलों को पांच-पांच हजार रुपये देगी

Update: 2020-04-28 02:25 GMT

बार काउंसिल ऑफ राजस्थान ने राज्य के लिए बनाई बार काउंसिल ऑफ इंडिया एडवोकेट्स वेलफेयर फंड कमेटी के माध्यम से घोषणा की है कि वह लॉकडाउन की अवधि के दौरान जिन वकीलों को वित्तीय सहायता की आवश्यकता है, उनको पांच-पांच हजार रुपये देगी।

इस प्रकार काउंसिल ने आर्थिक रूप से व्यथित अधिवक्ताओं से कहा है कि वह 3 मई, 2020 तक इस सहायता के लिए आवेदन कर सकते हैं।

तय की गई राशि सीधे जरूरतमंद अधिवक्ताओं के खातों में भेज दी आएगी,अगर वह निम्नलिखित मानदंडों के अनुसार इसके योग्य पाए जाएंगे तो,जो इस प्रकार हैं-

-आवेदक बार काउंसिल ऑफ राजस्थान मेंं नामांकित होना चाहिए और वह वास्तविक और सक्रिय रूप से प्रैक्टिस करता हो।

-आवेदक को निर्धारित अवधि के भीतर एआईबीई को अनिवार्य रूप से पास करना चाहिए और इसको पास करने की पावती को संलग्न/ संदर्भित किया जाए।

-आवेदकों को प्रैक्टिस रूल्स, 2015 के तहत सर्टिफिकेट और अपने प्लेस ऑफ प्रैक्टिस या जिस स्थान पर वह प्रैक्टिस करता है,उसेे भी प्रस्तुत करना होगा।

-आवेदक को उस वरिष्ठ वकील से कोई मासिक भुगतान न मिलता हो, जिसके साथ वह बतौर जूनियर काम करता है। इसका सत्यापन उसे अपने वरिष्ठ अधिवक्ता से करवाना होगा।

-संबंधित तिथि पर आवेदक की मासिक आय 10,000 रुपये नहीं होनी चाहिए।

-आवेदक इस असाधारण स्थिति के कारण अपनी आजीविका या दवा खरीदने या नियमित उपचार के लिए बड़ी मुश्किल परिस्थिति में फंसा हो।

-यदि अधिवक्ता / आवेदक किराए के आवास में रह रहा है, तो उसे किराए का अनुबंध या स्वप्रमाणित शपथ पत्र प्रस्तुत करना होगा।

-आवेदक का पति या पत्नी किसी भी विभाग में कोई कर्मचारी नहीं होना चाहिए।

-अधिवक्ता/आवेदक के पति या पत्नी के पास अचल संपत्ति और चार पहिया वाला वाहन भी नहीं होना चाहिए।

-किसी भी सेवा/ आयकर आकलन से सेवानिवृत्ति के बाद नामांकित अधिवक्ता इस योजना के तहत योग्य नहीं होंगे।

बार काउंसिल ने सभी संबंधित बार एसोसिएशनों को एक समिति गठित करने का निर्देश दिया है। जो सभी आवेदनों की जांच करेगी और एक मेरिट लिस्ट तैयार करेगी और इसे आगे की कार्रवाई के लिए राजस्थान राज्य के लिए बनाई बार काउंसिल ऑफ इंडिया एडवोकेट्स वेलफेयर फंड कमेटी को भेजेगी।

यह भी चेतावनी दी गई है कि यदि कोई भी आवेदक इस योजना के तहत लाभ प्राप्त करने के लिए झूठे विवरण प्रस्तुत करता है, तो बार काउंसिल ऐसे व्यक्ति के खिलाफ अधिवक्ता अधिनियम, 1961 की धारा 35 के तहत अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू करेगी। वहीं दी गई राशि को दंडात्मक राशि के साथ वसूला जाएगा।

इस योजना के लिए राजस्थान हाईकोर्ट बार एसोसिएशन, जयपुर ने दो मई 2020 तक सभी पात्र या योग्य अधिवक्ताओं से आवेदन मांगे हैं।

सम्पूर्ण संचार प्रक्रिया को ईमेल के माध्यम से पूरा किया जाएगा। जिसका पता अधिसूचना में उल्लिखित हैं, और अधिवक्ताओं से अनुरोध किया गया है कि वे आरएचसीबीए जयपुर कार्यालय में न आएं।

एसोसिएशन ने सभी आवेदकों से यह सुनिश्चित करने के लिए भी कहा है कि वे एक से अधिक बार एसोसिएशन के माध्यम से अपना आवेदन जमा न करें।

बार काउंसिल ऑफ दिल्ली ने भी जरूरतमंत अधिवक्ताओं को पांच-पांच हजार रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान करने का निर्णय किया था। इसी तरह, बार काउंसिल ऑफ तमिलनाडु और पुदुचेरी ने भी उन सभी जरूरतमंद अधिवक्ताओं को वित्तीय सहायता देने का संकल्प लिया है, जो लाॅकडाउन के कारण अपने दिन-प्रतिदिन के खर्चों को पूरा करने में असमर्थ हैं।

हाल ही में, पश्चिम बंगाल की बार काउंसिल ने भी एक पत्र याचिका की सुनवाई के दौरान कलकत्ता हाईकोर्ट को सूचित किया था कि उन्होंने जरूरतमंद वकीलों को वित्तीय सहायता प्रदान करने का निर्णय लिया है। 

अधिसूचना डाउनलोड करने के लिए यहां क्लिक करें




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