इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य निर्वाचन आयोग को पंचायत चुनाव के दौरान 135 ड्यूटी कर्मचारियों की COVID-19 के कारण हुई मौत पर कारण बताओ नोटिस जारी किया

Update: 2021-04-28 02:39 GMT

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य में पंचायत चुनाव के दौरान चुनाव ड्यूटी पर तैनात 135 कर्मचारियों की COVID-19 के कारण हुई मौत पर न्यायिक नोटिस जारी किया है।

जस्टिस सिद्धार्थ वर्मा और जस्टिस अजीत कुमार की खंडपीठ ने कहा कि न तो पुलिस और न ही चुनाव आयोग ने चुनाव ड्यूटी पर काम कर रहे लोगों को घातक कोरोना वायरस से संक्रमित होने से बचाने के लिए कुछ किया।

कोर्ट ने यूपी राज्य निर्वाचन आयोग, लखनऊ को यह बताने के लिए नोटिस जारी किया है कि पंचायत चुनावों के विभिन्न चरणों के दौरान कोविड के दिशानिर्देशों का पालन क्यों नहीं किया गया।

कोर्ट ने आयोग से कहा है कि वह कारण बताए कि इस तरह के उल्लंघन के लिए उसके और अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की जानी चाहिए।

कोर्ट ने आदेश में कहा कि,

"राज्य निर्वाचन आयोग को राज्य में पंचायत चुनावों के आगामी चरणों में तुरंत इस तरह के सभी उपाय करने के लिए निर्देशित किया गया ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि 20.04.2021 से कोविड दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए सोशल डिस्टेंसिंग और मॉस्क पहना जा रहा है। COVID19 के दिशा-निर्देशों का पालन नहीं होने पर चुनाव प्रक्रिया में शामिल अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।"

पंचायत चुनावों के हालिया चरणों के दौरान चुनाव ड्यूटी पर तैनात 135 शिक्षिक, शिक्षामित्रों और जांचकर्ताओं की मौत का मामला दैनिक समाचार 'अमर उजाला' में दिनांक 26.04.2021 को प्रकाशित खबर के बाद प्रकाश में आया।

कोर्ट ने खबर की पुष्टि करने के बाद न्यायिक नोटिस जारी किया।

कोर्ट ने कहा कि,

"हम यह स्पष्ट करते हैं कि हम उठाए गए कदमों और इसकी पर्याप्तता को दिखाने के लिए किसी भी कागजी कार्रवाई या सार्वजनिक घोषणाओं को बर्दाश्त नहीं करेंगे क्योंकि यह अब एक खुला रहस्य है कि सरकार 2020 के अंत तक राज्य में वायरस के प्रभाव कम होने के कारण बहुत संतुष्ट हो गई और सरकार पंचायत चुनावों सहित अन्य गतिविधियों में शामिल हो गई।"

कोर्ट ने आगे कहा कि सरकार को लगातार सतर्क रहना होगा और खुद को कोरोना की दूसरी लहर में महामारी का सामना करने के लिए खुद को तैयार किया होगा।

ग़ौरतलब है कि इस महीने की शुरुआत में उच्च न्यायालय ने COVID-19 खे बढ़ते मामलों के बावजूद भी राज्य पंचायत चुनाव स्थगित करने से इनकार कर दिया था। ऐसा करते समय उच्च न्यायालय ने कहा था कि सरकार ने चुनाव बूथों पर होने वाले पर्याप्त स्वास्थ्य प्रोटोकॉल को अधिसूचित किया है और यह आशा करती है कि राज्य द्वारा पंचायती राज चुनावों के दौरान संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए सभी आवश्यक देखभाल की जाएगी।

कोर्ट ने इसके विपरीत अब कहा कि चुनाव प्रक्रिया के दौरान कोविड के किसी भी दिशानिर्देश का पालन नहीं किया गया।

मामला अब 3 मई, 2021 को विचार के लिए तय किया गया है।

केस का शीर्षक: क्वारैंटाइन सेंटर में पुन: अमानवीय स्थिति

आदेश की कॉपी यहां पढ़ें:



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