इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भारत के खिलाफ पाकिस्तान क्रिकेट टीम की जीत का जश्न मनाने के आरोपी जम्मू-कश्मीर के छात्रों के खिलाफ केस आगरा से सहारनपुर ट्रांसफर किया

Update: 2023-02-19 15:38 GMT

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाल ही में 2021 में भारत के खिलाफ टी20 क्रिकेट विश्व कप मैच में पाकिस्तान की जीत के बाद पाकिस्तान समर्थक नारे लगाने के आरोपी जम्मू-कश्मीर के तीन छात्रों के खिलाफ मुकदमे को सीजेएम, आगरा की अदालत से सीजेएम, सहारनपुर की अदालत में ट्रांसफर कर दिया।

जस्टिस ओम प्रकाश त्रिपाठी की पीठ ने यह आदेश छात्रों द्वारा अदालत के समक्ष उनके वकील द्वारा प्रस्तुत किए जाने के बाद स्थानांतरित याचिका पर पारित किया कि जिला बार एसोसिएशन, आगरा ने एक प्रस्ताव पास किया है कि वे आवेदकों के मामले का बचाव नहीं करेंगे।

उन्होंने इस संबंध में समाचार पत्रों की कटिंग भी अटैच की और आगरा में ट्रायल में अपनी असुविधा व्यक्त की।

न्यायालय ने इसके बाद आवेदकों के प्रस्तुतीकरण पर विचार करते हुए और मामले के तथ्यों और परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए मामले को स्थानांतरित करना उचित समझा।

पीठ के आदेश के ऑपरेटिव हिस्से में कहा गया,

" मामला अपराध संख्या 675/2021, आईपीसी की धारा 153ए, 505(1)(बी), 124ए और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 66एफ के तहत, थाना-जगदीशपुरा, जिला-आगरा सीजेएम, आगरा की अदालत से कानून के अनुसार निपटान के लिए सीजेएम, सहारनपुर की अदालत में स्थानांतरित किया जाता है।"

गौरतलब है कि अर्शीद युसूफ, इनायत अल्ताफ शेख और शौकत अहमद गनाई नामक तीन छात्र , जो आगरा के एक इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्र हैं और जिन्हें आगरा पुलिस ने 27 अक्टूबर को गिरफ्तार किया था, उन्हें पिछले साल इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मामले में जमानत दे दी थी।

मामले की पृष्ठभूमि

तीनों छात्रों पर आईपीसी की धारा 124 ए (राजद्रोह), 153-ए (विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना) और 505 (1) (बी) (जनता में डर या खतरे की आशंका पैदा करना) और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के 66-एफ कथित रूप से मैच के बाद "देश के खिलाफ" व्हाट्सएप संदेश भेजने के आरोप में केस दर्ज किया गया था।

यह ध्यान दिया जा सकता है कि आवेदक अपनी जमानत याचिका लेकर सीधे हाईकोर्ट चले गए थे और उन्होंने आगरा कोर्ट के समक्ष कोई आवेदन नहीं दिया, क्योंकि कथित तौर पर आगरा में वकीलों के संघ ने उनका प्रतिनिधित्व करने से इनकार कर दिया था।

जमानत याचिका के साथ छात्रों ने मामले की सुनवाई को आगरा से मथुरा जजशिप में स्थानांतरित करने की मांग करते हुए एक आवेदन भी दिया था। इस संबंध में उनके आवेदन का निष्कर्ष इस प्रकार था।

" ...भारत के संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत गारंटीकृत ऐसे आरोपी को कानूनी सहायता के साथ-साथ निष्पक्ष और निष्पक्ष जांच/जांच पाने का अधिकार और आगरा न्यायपालिका का पूरा बार आवेदकों की ओर से अदालत के समक्ष उपस्थित होकर जमानत अर्जी दाखिल मामले में उनका बचाव करने को तैयार नहीं है। इस प्रकार ऐसी परिस्थितियों में आवेदकों के पास अपने मामले के हस्तांतरण की मांग के अलावा कोई अन्य उपाय नहीं है।"

अपीयरेंस

आवेदक के वकील: संतोष कुमार सिंह, एके मिश्रा

विरोधी पक्ष के वकील: जीए

केस टाइटल - इनायत अल्ताफ शेख और तीन अन्य बनाम यूपी राज्य और अन्य [स्थानांतरण आवेदन (आपराधिक) नंबर - 308/2021

साइटेशन: 2023 लाइवलॉ (एबी) 69

आदेश पढ़ने/डाउनलोड करने के लिए यहां क्लिक करें




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