सीएए प्रोटेस्ट : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी पुलिस द्वारा हिंसा के आरोपियों के फोटो वाले बैनर लगाने पर स्वत: संज्ञान लिया
एक असाधारण कदम उठाते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 16 दिसंबर को लखनऊ में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में हुए प्रदर्शनों के दौरान हिंसा के आरोपी व्यक्तियों की तस्वीरों और विवरणों वाले बैनर लगाने पर उत्तर प्रदेश पुलिस के खिलाफ स्वत: संज्ञान लिया।
मुख्य न्यायाधीश गोविंद माथुर और न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा की खंडपीठ इस मामले की सुनवाई के लिए 8 मार्च, रविवार एक विशेष बैठक आयोजित की।
आरोपी व्यक्तियों के नाम, पते और चित्र वाले बैनर शुक्रवार को लखनऊ के कई हिस्सों में दिखाई दिए। उन्हें विरोध प्रदर्शनों के दौरान कथित रूप से सार्वजनिक संपत्तियों के नुकसान का भुगतान करने के लिए कहा गया है।
एक सरकारी प्रवक्ता ने कहा कि हजरतगंज क्षेत्र में मुख्य चौराहे और विधानसभा भवन के सामने सहित महत्वपूर्ण चौराहों पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर पोस्टर लगाए गए हैं।
एक्टिविस्ट सदफ जाफ़र, मानवाधिकार वकील मोहम्मद शोएब, कार्यकर्ता और पूर्व आईपीएस अधिकारी एस आर दारापुरी आदि के चित्र भी एक बैनर में दिखाई दिए।
(पीटीआई के इनपुट के साथ)