इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राम जन्मभूमि जजमेंट की कथित रूप से आलोचना करने के मामले में सांसद असदुद्दीन ओवैसी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई पर रोक लगाई

Update: 2023-03-24 08:28 GMT

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के 2019 के राम जन्मभूमि के फैसले पर अपने विवादास्पद बयानों पर एक आपराधिक मामले में एआईएमआईएम प्रमुख और सांसद असदुद्दीन ओवैसी के खिलाफ 24 अप्रैल तक कड़ी कार्रवाई पर रोक लगा दी है।

आईपीसी की धारा 153-ए, 295-ए, 298 के तहत उनके खिलाफ दर्ज मुकादमा सिद्धार्थनगर कोर्ट के समक्ष लंबित है। ओवैसी पर साल 2019 के सुप्रीम कोर्ट के राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद जजमेंट की एक न्यूज चैनल पर आलोचना करने का आरोप है।

नवंबर 2019 में सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों की बेंच ने कहा था कि अयोध्या में 2.77 एकड़ की पूरी जमीन पर राम मंदिर बनाने के लिए दिया जाना चाहिए।

साथ ही, कोर्ट ने कहा कि मस्जिद के निर्माण के लिए सुन्नी वक्फ बोर्ड को 5 एकड़ का वैकल्पिक भूखंड आवंटित किया जाना चाहिए। न्यायालय ने यह भी पाया कि 1992 में बाबरी मस्जिद का विध्वंस कानून का उल्लंघन था। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले ने अनिवार्य रूप से अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का रास्ता साफ कर दिया।

ओवैसी ने मामले की कार्यवाही को इस आधार पर चुनौती देते हुए न्यायालय का रुख किया था कि उन पर आईपीसी की धारा 153 (ए) के तहत अपराध के लिए मुकदमा चलाया जा रहा है। हालांकि, संबंधित प्राधिकरण से धारा 196 (1) सीआरपीसी के तहत आवश्यक मंजूरी नहीं ली गई है। इसलिए कानून की नजर में पूरी कार्यवाही सही खराब है।

यह देखते हुए कि मामले पर विचार करने की आवश्यकता है, जस्टिस राजीव गुप्ता की पीठ ने विरोधी पक्ष संख्या 2 को चार सप्ताह के भीतर वापसी योग्य नोटिस जारी किया। कोर्ट ने जवाबी हलफनामा दायर करने के लिए राज्य को दो सप्ताह का समय भी दिया।

इसके साथ, मामले को 24 अप्रैल के लिए सूचीबद्ध किया और राज्य के अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि तब तक उनके खिलाफ कोई भी कठोर कार्रवाई नहीं की जाएगी।

यह ध्यान दिया जा सकता है कि ओवैसी ने कथित तौर पर कहा था कि सुप्रीम कोर्ट का 2019 का फैसला तथ्यों के विपरीत ‘विश्वास (belief)’ की जीत है और सुप्रीम कोर्ट सर्वोच्च है लेकिन अचूक नहीं। उन्होंने कथित तौर पर कहा था कि वह सुप्रीम कोर्ट के फैसले से संतुष्ट नहीं हैं।

केस टाइटल - असदुद्दीन ओवैसी बनाम यूपी राज्य और अन्य [आवेदन U/S 482 No. - 9929 of 2023]

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