इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कोरोनावायरस के नए संक्रमण ओमीक्रॉन के खतरे को देखते हुए पीएम मोदी से चुनाव स्थगित करने का आग्रह किया
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गुरुवार को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से COVID-19 के नए संक्रमण ओमिक्रॉन के बढ़ते खतरे को देखते हुए आगामी चुनाव स्थगित करने का आग्रह किया। कोर्ट ने देश के लोगों को मुफ्त कोरोना वैक्सीन मुहैया कराने के अभियान के लिए पीएम मोदी के प्रयासों की भी सराहना की।
न्यायमूर्ति शेखर यादव की पीठ ने एक जमानत आदेश पर विचार करते हुए चुनाव आयोग से राजनीतिक दलों को राजनीतिक रैलियां, बैठकें आदि आयोजित करने से रोकने के लिए तत्काल निर्देश जारी करने का आग्रह किया।
कोर्ट ने कहा,
"राजनीतिक दलों को आदेश दें कि वे अपने अभियान और प्रचार को रैली और सभा में भीड़ जुटाकर नहीं, बल्कि दूरदर्शन, समाचार पत्रों के माध्यम से करें। यदि संभव हो तो फरवरी में होने वाले चुनावों को एक महीने के लिए स्थगित कर दें, क्योंकि जान है तो जहान है। अगर चुनावों को स्थगित नहीं किया गया तो चुनावी रैलियां, सभाएं होती रहेंगी।"
हाईकोर्ट एक जमानत याचिका पर सुनवाई कर रहा था। इस दौरान उसने कहा कि नियमित मामलों के अलावा अदालत के समक्ष लगभग चार सौ मामले सूचीबद्ध हैं और जिसके कारण बड़ी संख्या में अधिवक्ता मौजूद हैं।
इसके अलावा, कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि अधिवक्ताओं द्वारा किसी भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं किया जा रहा है। बल्कि, वे सभी एक-दूसरे के करीब खड़े हैं। यह तब है जब कोरोना का एक नया वेरिएंट ओमीक्रॉन आ गया है और इसके मरीज दिन-ब-दिन बढ़ते जा रहे हैं।
इलाहाबाद हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल से भी इस संबंध में नियम बनाने का आग्रह किया।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा,
"(उत्तर प्रदेश) ग्राम पंचायत और बंगाल चुनाव लोगों ने बड़ी संख्या में COVID-19 को प्रसातिरत किया। इसके कारण कई लोगों की मौत हो गई।"
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