एनआई अधिनियम की धारा 141: इसमें शामिल हैं साझेदारी फ़र्म या व्यक्तियों के अन्य संघ [निर्णय पढ़े]

Update: 2019-05-31 08:42 GMT

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि धारा 141 के तहत "कंपनी" शब्द का तात्पर्य है फ़र्म या लोगों के संघ से।

इस मामले में आरोपी वैंकर कोर्पोरेट सर्विसेज़ है जो साझीदारी फ़र्म के रूप में डाटा एंट्री का काम करती है। हाईकोर्ट ने एक साझीदार के ख़िलाफ़ शिकायत की याचिका को इस आधार पर ख़ारिज कर दिया कि शिकायत में इस बात की पुष्टि नहीं हुई कि वह कंपनी के इंचार्ज हैं और इस तरह कंपनी के कामकाज के लिए ज़िम्मेदार हैं। हाईकोर्ट का यह मानना था कि शिकायत के पैराग्राफ़ 5 में जिस बात का उल्लेख है उससे प्रथम प्रतिवादी को आपराधिक दायित्व का धारा 138 के तहत दोषी नहीं ठहराया जा सकता है।

इस बात से असहमत न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता ने शिकायत पर गौर करने के बाद कहा,

"शिकायत का संबंधित पैराग्राफ़ जिसका कि ऊपर ज़िक्र किया गया है उसमें (i) साझेदारी की प्रकृति के बारे में स्पष्ट कहा गया है; (ii) वह किस तरह का व्यवसाय करती थी; (iii) व्यवसाय करने में प्रत्येक आरोपी की क्या भूमिका थी विशेषकर शिकायतकर्ता के साथ हुए उस व्यवसाय को लेकर जो विवाद का केंद्र है जिसकी वजह से चेक बिना भुगतान के वापस हो गया…"।

कोर्ट ने कहा कि हाईकोर्ट ने इस आधार पर अपना फ़ैसला सुनाया कि प्रथम आरोपी एक कंपनी था जिसमें दूसरे दो आरोपी निदेशक थे। अपील को स्वीकार करते हुए पीठ ने कहा,

"धारा 141 में निस्सन्देह "कंपनी" शब्द का प्रयोग हुआ जिसमें एक फ़र्म या लोगों का संघ शामिल है। यह तथ्य कि प्रथम आरोपी, वर्तमान मामले में, साझेदारी का फ़र्म है जिसमें शेष दो आरोपी साझेदार हैं, हाईकोर्ट इस बात को नहीं पकड़ पाया।" 


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