पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने एक बेरोजगार आदमी को दी पत्नी को रख-रखाव के रूप में चावल,घी और कपड़े देने की अनुमति

Update: 2019-07-21 16:37 GMT

गुजारा भत्ता या रख-रखाव कानून में इसे एक दिलचस्प विकास कहा जा सकता है,पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने अमित मेहरा बनाम मंजू के मामले में बेरोजगार पति(जिसकी नौकरी छूट गई है) को इस बात की अनुमति दे दी है कि वह अपनी पत्नी को गुजारे भत्ते के मौर पर मूलभूत जरूरत का सामान जैसे चावल,घी, और पहनने के कपड़े आदि उपलब्ध कराए।

अमित,पंजाब का रहने वाला है। उसने हाईकोर्ट को बताया कि वह अपनी पूर्व पत्नी को आर्थिक सहायता नहीं दे सकता है,परंतु वह उसको मासिक राशन का सामान दे सकता है। उसके वकील ने कोर्ट को बताया कि अमित बेरोजगार है और जस्टिस आर.एस अत्री के समक्ष वकील ने कहा कि उसका मुविक्कल अपनी पूर्व पत्नी को गुजारे भत्ते के तौर पर आर्थिक सहायता देने की बजाय उसकी दिन-प्रतिदिन की जरूरतों को पूरा करने का इच्छुक है।
वकील ने कोर्ट के समक्ष बताया कि उसका मुविक्कल हर महीने बीस किलो चावल,पांच किलो चीनी,पांच किलो अगल-अलग दालें,15 किलो अनाज व पांच किलो देसी घी देने को तैयार है। इसके अलावा हर तिमाही पर पहनने के तीन सूट व प्रतिदिन दो लीटर दूध भी देने को तैयार है।
जस्टिस अत्री ने अपने आदेश मेें पति को निर्देश दिया है कि वह तीन दिन के अंदर अपनी पूर्व पत्नी को सारा सामान उपलब्ध करा दे। याचिकाकर्ता अमित को यह भी निर्देश दिया गया है कि वह गुजारे भत्ते की एरियर या पूर्व की राशि अपनी पत्नी को दे दे। इस संबंध में मामले की सुनवाई पर हलफनामा भी दायर किया जाए। याचिकाकर्ता को यह भी निर्देश दिया गया है कि वह मामले की सुनवाई पर खुद पेश हो। अब इस मामले में 25 जुलाई 2019 को सुनवाई होगी।
याचिकाकर्ता की तरफ से वकील अमरदीप श्योराण व प्रतिवादी की तरफ से वकील सन्ननी नामदेव पेश हुए थे।



 


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