सुप्रीम कोर्ट ने जताई चिंता, कहा - हाईकोर्ट का आदेश सीपीसी के प्रावधानों का खुल्लमखुल्ला उल्लंघन
सुप्रीम कोर्ट ने पिछले सप्ताह पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के एकपक्षीय अल्पकालिक आदेश पर चिंता जताई और कहा कि यह नागरिक प्रक्रिया संहिता का खुल्लमखुल्ला उल्लंघन है।
टीटीएल हॉलिडेज़ की याचिका पर हाईकोर्ट ने उसी दिन एयर इंडिया लिमिटेड के ख़िलाफ़ एक आदेश पारित किया और उसको उस क़रार को जारी रखने का आदेश दिया जिससे वह हट गया था।
ऐमडेयस हवाई टिकट आरक्षण के बारे में डाटा उपलब्ध कराने वाली कंपनी है और यह एयर इंडिया के साथ मिलकर 30 साल से काम कर रही थी। 4 दिसम्बर 2018 को इस कम्पनी ने इस क़रार को रद्द कर दिया और उसने अपना सारा डाटा यूके की एक कंपनी ट्रैवलपोर्ट को दे देने का निर्णय किया। टीटी हॉलिडेज़, जो कि फ़्लाइट बुकिंग सेवा उपलब्ध कराने वाली एक कंपनी है, ने एयर इंडिया के इस क़दम को अदालत में चुनौती दी।
एयर इंडिया की पैरवी करते हुए अटर्नी जनरल ने पीठ से कहा कि ऐमडेयस के साथ उसका क़रार 04.12.2018 से समाप्त कर दिया गया जिसे ख़ुद ऐमडेयस ने चुनौती नहीं दी है।
"हमें इस बात में कोई शक नहीं है कि यह आदेश सीपीसी के आदेश 39 का सीधा उल्लंघन है जिसमें कहा गया है कि अस्थाई स्तर पर किसी क़रार को जारी रखने का आदेश दूसरे पक्ष की राय जाने बिना नहीं दिया जाना चाहिए था," यह बात न्यायमोरोटी आरएफ नरिमान और विनीत सरन की पीठ ने कही।
इसके बाद पीठ ने हाईकोर्ट के इस आदेश को निरस्त कर दिया।