सुप्रीम कोर्ट सीमा अवधि बढ़ाने के मुद्दे पर स्वत: संज्ञान को वापस लेने पर अगले सप्ताह विचार करेगा

Update: 2021-09-09 06:53 GMT

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कहा कि वह COVID-19 के कारण सीमा अवधि बढ़ाने के मुद्दे पर स्वत: संज्ञान को वापस लेने पर अगले सप्ताह विचार करेगा।

भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमाना की अगुवाई वाली पीठ ने भारत के चुनाव आयोग द्वारा किए गए एक आवेदन पर विचार करते हुए कहा कि जहां तक चुनाव याचिकाओं का संबंध है, सीमा अवधि बढ़ाने के मुद्दे पर स्वत: संज्ञान में संशोधन की मांग की गई है।

जब आज ईसीआई का आवेदन लिया गया, तो भारत के मुख्य न्यायाधीश ने कहा,

"हम समस्या को समझते हैं। हमें स्वत: संज्ञान मामले में पारित आदेशों पर पुनर्विचार करना होगा, न कि केवल चुनाव आयोग के संदर्भ में। हम इस पर अगले सप्ताह विचार करेंगे। हमें सभी का आह्वान करना होगा।"

चुनाव आयोग की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह ने कहा,

"मेरे अनुसार, पूरे आदेश को वापस लिया जाना चाहिए।"

इसके बाद सीजेआई ने मुख्य मामले को अगले सप्ताह सूचीबद्ध करने का आदेश दिया।

भारत के चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट से चुनाव याचिकाएं दायर करने की समय सीमा तय करने की मांग की है।

चुनाव आयोग द्वारा असम, केरल, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली, पुडुचेरी, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल के राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में चुनाव याचिका दायर करने के लिए समय-सीमा तय करने के लिए एक हस्तक्षेप आवेदन दायर किया गया है। यआवेदन में कहा गया है कि छह राज्यों के विधानसभा चुनावों में इस्तेमाल ईवीएम और वीवीपैट अप्रयुक्त पड़ी हैं, उन्हें मुक्त किया जाए। हमें इन ईवीएम और वीवीपीएटी मशीनों को मेंटेन करना होता है। आने वाले दिनों में उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और पंजाब आदि राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं और आगामी चुनावों के लिए इनका उपयोग करना है।

सुप्रीम कोर्ट ने 23 मार्च, 2020 को एक आदेश पारित किया था, जिसमें निर्देश दिया गया था कि ऐसी सभी कार्यवाही में सीमा अवधि, सामान्य कानून या विशेष कानूनों के तहत निर्धारित सीमा के बावजूद, चाहे वह क्षमा योग्य हो या नहीं, को COVID-19 महामारी के कारण अगले आदेश तक 15 मार्च 2020 तक बढ़ाया गया है।

इसके बाद यह देखते हुए कि देश सामान्य स्थिति में लौट रहा है, 8 मार्च, 2021 के आदेश द्वारा सीमा अवधि बढ़ाने पर रोक लगा दी गई थी।

हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने दूसरी लहर के दौरान COVID मामलों में वृद्धि को ध्यान में रखते हुए, 27 अप्रैल को पहले आदेश (23 मार्च, 2020 को पारित) को बहाल कर दिया और सीमा अवधि को 14 मार्च, 2021 से अगले आदेश तक बढ़ा दिया।

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