BREAKING: सुप्रीम कोर्ट सख़्त, MCD कमिश्नर को तलब, 500 साल पुराने 'गुमटी' स्मारक से मलबा न हटाने पर जताई नाराज़गी

Update: 2025-09-04 08:18 GMT

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार (4 सितंबर) को दिल्ली नगर निगम (MCD) पर कड़ा रुख अपनाते हुए उसके कमिश्नर को दोपहर 3 बजे व्यक्तिगत रूप से पेश होने का आदेश दिया।

मामला लोधी-युगीन शेख अली 'गुमटी' से जुड़ा है, जहां महीनों से मलबा हटाने के आदेश का पालन नहीं किया गया।

जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह और जस्टिस एसवीएन भट्टी की खंडपीठ ने कहा कि कोर्ट के बार-बार आदेशों के बावजूद MCD ने गुमटी परिसर से मलबा साफ़ नहीं किया।

कोर्ट द्वारा नियुक्त आयुक्त, सीनियर एडवोकेट गोपाल शंकरनारायण ने बुधवार शाम स्थल का निरीक्षण कर तस्वीरें दाखिल कीं और बताया कि तीन महीने पहले अवैध निर्माण गिराने के बाद से पड़ा मलबा अब तक जस का तस है।

MCD की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट गरिमा प्रसाद ने दावा किया कि Restoration से संबंधित थोड़ी बहुत धूल-मिट्टी ही बची है तो जस्टिस भट्टी ने तीखी टिप्पणी की,

"क्या इस मामले में कोई अहंकार (ego issue) है? देश की सबसे बड़ी नगर निगम यह कह रही है कि 4-5 इंच का मलबा हटाने में इतने महीने लगेंगे? अगर कोई गणमान्य व्यक्ति आता है तो आप दो घंटे में जगह साफ़ कर देंगे। लेकिन कोर्ट के आदेश का यह सम्मान है?"

खंडपीठ ने कहा कि कोर्ट और MCD के बीच दो महीने का कम्युनिकेशन गैप दिख रहा है और नगर निगम गंभीरता से आदेशों का पालन नहीं कर रहा।

अदालत ने सख्त लहजे में कहा कि अब और समय बर्बाद नहीं किया जाएगा और आदेशों की अवहेलना बर्दाश्त नहीं होगी।

सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा,

"हम पाते हैं कि दिए गए पर्याप्त समय के बावजूद MCD आदेशों का पालन नहीं कर पाई। इसलिए हम मजबूर हैं कि कमिश्नर को व्यक्तिगत रूप से बुलाएँ ताकि कोर्ट के आदेशों का सम्मान सुनिश्चित हो सके।"

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