सुप्रीम कोर्ट ने तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता साकेत गोखले की जमानत याचिका पर गुजरात पुलिस को नोटिस जारी किया
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता साकेत गोखले द्वारा गुजरात हाईकोर्ट के उस आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर गुजरात पुलिस को नोटिस जारी किया , जिसमें क्राउडफंडिंग के माध्यम से एकत्रित धन की कथित हेराफेरी से संबंधित मामले में गोखले को जमानत देने से इनकार कर दिया गया था।
जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस विक्रम नाथ की पीठ ने याचिका पर नोटिस जारी किया और दो सप्ताह के भीतर जवाब मांगा। गोखले की ओर से सीनियर एडवोकेट डॉ अभिषेक मनु सिंघवी पेश हुए।
गोखले के खिलाफ आरोप है कि उन्होंने क्राउडफंडिंग प्लेटफॉर्म 'हमारा लोकतंत्र' के माध्यम से 1,700 से अधिक लोगों से 72 लाख रुपये से अधिक एकत्र किए और उस पैसे का इस्तेमाल निजी इस्तेमाल के लिए किया और इस तरह धन का दुरुपयोग किया।
जस्टिस समीर जे. दवे की गुजरात हाईकोर्ट की खंडपीठ ने गोखले की जमानत से इनकार करते हुए कहा था कि प्रथम दृष्टया मामला यह है कि कल्याण के नाम पर एकत्र की गई राशि का उपयोग अभियुक्तों द्वारा अपने व्यक्तिगत लाभ के लिए किया गया।
गोखले ने दावा किया कि उन्हें 6 दिसंबर, 2022 को गुजरात पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया, जब उन्होंने ट्वीट किया कि प्रधानमंत्री के मोरबी पुल दुर्घटनास्थल पर जाने से सरकारी खजाने को 30 करोड़ रुपये की राशि का नुकसान हुआ है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह "राजनीतिक प्रतिशोध" का मामला है।
केस टाइटल : साकेत सुहास गोखले बनाम गुजरात राज्य एसएलपी (सीआरएल) नंबर 2779/2023