सुप्रीम कोर्ट ने प्रमुख भारतीय ब्रांडों द्वारा शहद में चीनी सिरप की मिलावट का आरोप लगाने वाली जनहित याचिका खारिज की

Update: 2023-12-06 08:09 GMT

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (04.12.2023) को वह जनहित याचिका (पीआईएल) खारिज कर दी, जिसमें विभिन्न रिपोर्टों के कारण बाजार में बेचे जाने वाले शहद के कई ब्रांडों की शुद्धता परीक्षण की मांग की गई थी। इस याचिका में दावा किया गया कि शहद बेचने वाले कई प्रमुख ब्रांड मिलावट में लिप्त हैं।

जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस राजेश बिंदल की खंडपीठ ने अपने आदेश में दर्ज किया,

'हम भारत के संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत दायर इस याचिका पर विचार करने के इच्छुक नहीं हैं। तदनुसार, रिट याचिका खारिज कर दी गई।'

यह जनहित याचिका 'एंटी करप्शन काउंसिल ऑफ इंडिया ट्रस्ट' नाम के एनजीओ ने दायर की थी। अप्रैल 2021 में सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में गृह मंत्रालय को नोटिस जारी किया था।

याचिकाकर्ता ने दावा किया कि भारतीय बाजारों में बिकने वाले अधिकांश शहद में चीनी सिरप की मिलावट होती है। याचिकाकर्ता ने बताया कि चीनी की बढ़ती खपत से आबादी में स्वास्थ्य समस्याएं पैदा होंगी।

याचिका में सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट की एक रिपोर्ट का हवाला दिया गया, जिसमें दावा किया गया कि भारतीय ब्रांड चीन से आयातित संशोधित चीनी का उपयोग कर रहे हैं, जो देश में मिलावट परीक्षणों को बायपास करने में मदद कर रहा है। याचिकाकर्ता ने हाल के वर्षों में चीन से भारत में फ्रुक्टोज सिरप के आयात में वृद्धि को उजागर करके इस दावे का समर्थन किया।

केस टाइटल: एंटी करप्शन काउंसिल ऑफ इंडिया ट्रस्ट बनाम गृह मंत्रालय और अन्य, रिट याचिका (सिविल) नंबर 418 2021

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