'विधवा को मेकअप की कोई जरूरत नहीं:' पटना हाईकोर्ट ने टिप्पणी की, सुप्रीम कोर्ट ने कहा- अत्यधिक आपत्तिजनक
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पटना हाईकोर्ट द्वारा की गई यह टिप्पणी कि विधवा को मेकअप करने की जरूरत नहीं है, बेहद संदिग्ध है।
इस मामले में सुप्रीम कोर्ट सात आरोपियों की अपील पर सुनवाई कर रहा था, जिन्हें ट्रायल कोर्ट और फिर पटना हाईकोर्ट ने संपत्ति विवाद में महिला के अपहरण और हत्या के मामले में दोषी ठहराया। कोर्ट ने सभी सात लोगों को इस आधार पर बरी कर दिया कि अभियोजन पक्ष की कहानी बेहद अस्थिर थी।
इस मामले में कोर्ट द्वारा उठाए गए मुद्दों में से एक यह था कि क्या महिला उस संपत्ति में रहती थी, जहां घटना हुई थी। इसने पाया कि मृतक से संबंधित गवाहों ने ही यह गवाही दी थी कि घटना के समय वह घर में रह रही थी। जांच के दौरान, पुलिस को मेकअप के सामान मिले थे और यह भी पाया गया कि घर के उसी हिस्से में एक और महिला रह रही थी।
पटना हाईकोर्ट ने इस तथ्य पर ध्यान दिया, लेकिन यह भी कहा कि मेकअप का सामान महिला का नहीं हो सकता, क्योंकि वह विधवा थी। उसे मेकअप करने की कोई आवश्यकता नहीं थी।
इस पर आपत्ति जताते हुए जस्टिस बेला एम. त्रिवेदी और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने कहा:
"हमारी राय में हाईकोर्ट का अवलोकन न केवल कानूनी रूप से अस्थिर है, बल्कि अत्यधिक आपत्तिजनक भी है। इस तरह का व्यापक अवलोकन कानून की अदालत से अपेक्षित संवेदनशीलता और तटस्थता के अनुरूप नहीं है, खासकर तब जब रिकॉर्ड पर किसी भी साक्ष्य से ऐसा नहीं किया जाता है।"
केस टाइटल: विजय सिंह@विजय कुमार शर्मा बनाम बिहार राज्य, आपराधिक अपील नंबर 1031/2024