सुप्रीम कोर्ट ने सार्वजनिक उपयोगिता और आवश्यक सेवाओं के लिए उपयोग किए जाने वाले BS-VI डीजल वाहनों के रजिस्ट्रेशन की अनुमति दी
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को सार्वजनिक उपयोगिता और आवश्यक सेवाओं के लिए इस्तेमाल होने वाले BS-VI हल्के और भारी डीजल वाहनों के रजिस्ट्रेशन की अनुमति दी। कोर्ट ने निर्देश दिया कि अधिकारियों को इस श्रेणी में वाहनों के रजिस्ट्रेशन के लिए कोर्ट के आदेशों पर जोर नहीं देना चाहिए।
जस्टिस एल नागेश्वर राव और जस्टिस बीआर गवई की पीठ ने आदेश दिया,
"हमारा विचार है कि सार्वजनिक उपयोगिता और आवश्यक सेवाओं के लिए उपयोग किए जाने वाले BS-VI हल्के और भारी डीजल वाहनों के रजिस्ट्रेशन की अनुमति दी जा सकती है। रजिस्ट्रेशन अधिकारियों को निर्देश दिया जाता है कि वे इस अदालत द्वारा रजिस्ट्रेशन के लिए पेश किए जाने वाले किसी भी आदेश पर जोर न दें।"
बीएस-VI डीजल वाहनों के रजिस्ट्रेशन की अनुमति मांगने के लिए एमसी मेहता मामले में दायर इंटरलोक्यूटरी आवेदन पर यह आदेश पारित किया गया। पीठ ने कहा कि 18.09.2020 के आदेश में सीएनजी वाहनों के रजिस्ट्रेशन की अनुमति दी गई थी, क्योंकि ऐसे वाहनों से उत्सर्जन अनुमेय सीमा के भीतर था।
कोर्ट ने इससे पहले 1 अप्रैल, 2020 से BS-IV वाहनों की बिक्री और रजिस्ट्रेशन पर रोक लगा दी थी।
अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद कर्फ्यू के कारण जम्मू-कश्मीर में ढील देने की याचिका
पीठ ने जम्मू-कश्मीर में बीएस-IV वाहनों की बिक्री के लिए ढील देने की मांग करने वाले एक आवेदन पर भी विचार किया, जो कि 2019 में इस क्षेत्र में लगाए गए कर्फ्यू और इंटरनेट निलंबन के कारण विशेष दर्जा समाप्त होने के बाद लगाया गया था।
आवेदक ने सुप्रीम कोर्ट के आदेशों पर भरोसा किया। इसमें कट-ऑफ तिथि से पहले बेचे गए बीएस-IV वाहनों के रजिस्ट्रेशन की अनुमति थी, लेकिन 2020 में लॉकडाउन के कारण रजिस्टर्ड नहीं किया जा सका।
पीठ ने आवेदक से राहत की मांग के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने को कहा।
केस शीर्षक: एमसी मेहता बनाम भारत संघ, WP(c) No.13029/1985