सुप्रीम कोर्ट में 6 जज स्वाइन फ्लू से पीड़ित, निवारक उपाय करने की तैयारी
सुप्रीम कोर्ट के छह न्यायाधीश H1N1 वायरस के कारण स्वाइन फ्लू से संक्रमित हो गए हैं।
यह खुलासा न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ ने मंगलवार सुबह अदालत में किया। उन्होंने कहा कि निवारक उपायों को लेकर भारत के मुख्य न्यायाधीश के साथ एक बैठक आयोजित की गई थी। उन्होंने कहा कि उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में काम करने वालों के टीकाकरण का सुझाव दिया है।
वहीं न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा ने भी मंगलवार को सुनवाई के दौरान वरिष्ठ वकील अर्यमा सुंदरम को भी यह बताया कि सुप्रीम कोर्ट में H1N1 वायरस का प्रकोप चल रहा है।
न्यायमूर्ति मिश्रा ने कहा, "
"यहां सभी से अनुरोध है, अगर आप ठीक महसूस नहीं कर रहे हैं तो अदालत में न आएं।"
वहीं सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष वरिष्ठ वकील दुष्यंत दवे ने लाइव लॉ को बताया कि मुख्य न्यायाधीश एस ए बोबडे इस मामले को लेकर बहुत चिंतित हैं और उन्होंने टीकाकरण के लिए तुरंत सुप्रीम कोर्ट में एक डिस्पेंसरी की स्थापना का सुझाव दिया है। यह आज या कल होने की संभावना है।
चूंकि टीकाकरण की लागत 1200 रुपये है, इसलिए दवै ने कहा कि उन्होंने सहायता के रूप में 10 लाख रुपये की पेशकश की है, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट में - वकीलों, कनिष्ठ वकीलों, पत्रकारों, वादियों आदि सभी व्यक्तियों के पास टीकाकरण के संसाधन नहीं हो सकते हैं।
साथ ही जस्टिस इंदिरा बनर्जी की अनुपस्थिति के कारण कोर्ट तीन में बैठने वाली संविधान पीठ को भी रद्द कर दिया गया।
जस्टिस हेमंत गुप्ता, जस्टिस ए एस बोपन्ना, जस्टिस एस अब्दुल नज़ीर भी मंगलवार को नहीं बैठे हैं। जस्टिस संजीव खन्ना को आज कोर्ट नंबर 2 में सुनवाई करते हुए मास्क पहने देखा गया।
पिछले हफ्ते, सबरीमाला संदर्भ में बैठी 9 जजों की संविधान पीठ को भी न्यायमूर्ति आर बानुमति की अनुपलब्धता के कारण रद्द कर दिया गया था, जो 14 फरवरी को अदालत में सुनवाई करते हुए बेहोश हो गई थीं।