SCAORA ने SC परिसर में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग पर्याप्त सुविधा की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट जनरल सेक्रेटरी को पत्र लिखा

Update: 2020-07-06 06:48 GMT

सुप्रीम कोर्ट द्वारा शनिवार को जारी किए गए हालिया मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) के मद्देनज़र नॉन मिसलेनियस दिनों पर नियमित मामलों की प्रस्तावित लिस्टिंग का उल्लेख करते हुए सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट्स-ऑन-रिकॉर्ड एसोसिएशन (SCAORA) ने सुप्रीम कोर्ट सेक्रेटरी जनरल को पत्र लिखा है, जिसमे आभासी न्यायालयों (वर्चुअल कोर्ट) के कामकाज को प्रभावी बनाने का अनुरोध किया गया है।

SCAORA ने अनुरोध किया है कि आफ्टर-नोटिस मामलों / नियमित मामलों को केवल एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड (AOR) पार्टी-इन-पर्सन (पक्षकार) की संयुक्त सहमति के बाद सूचीबद्ध किया जाए।

पत्र में आगे कहा गया है कि

"हम अनुरोध करते हैं कि भविष्य में आंशिक सुनवाई (part heard) मामले, नियमित मामले और आफ्टर नोटिस के मामलों के संबंध में कम से कम दो सप्ताह की पर्याप्त नोटिस अवधि के साथ एक अग्रिम सूची प्रकाशित की जाए।

जो वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से पेश होने और बहस करने की इच्छा के संबंध में संयुक्त सहमति प्राप्त होने पर काज़ लिस्ट में सूचीबद्ध किया जा सकता है जैसा कि दिनांक 04.07.2020 को जारी एसओपी में वर्णित है। आगे कहा कि अधिवक्ताओं को भी तदनुसार पत्र सर्कुलेट करने की अनुमति दी जा सकती है। "

SCAORA ने सुप्रीम कोर्ट सेक्रेटरी जनरल को लिखे एक अन्य पत्र में यह भी कहा है कि "कनेक्टिविटी और तकनीकी खामियों के पर आभासी न्यायालयों के तकनीकी मुद्दों के संबंध में" ईमेल के माध्यम से और हेल्पलाइन नंबर 1881 पर कॉल के माध्यम से कई शिकायतें की गई हैं, लेकिन समय पर शिकायतों के बाद भी कोई "उचित निवारण" नहीं हुआ है।

इस प्रकार, सचिव जोसेफ अरस्तू द्वारा हस्ताक्षरित पत्र में अनुरोध किया गया है कि सुप्रीम कोर्ट परिसर में "पर्याप्त वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सुविधाएं" स्थापित की जाएं।

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