सफाई कर्मचारियों को सुरक्षात्मक उपकरण देने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका, कर्मचारियों और उनके परिजनों का COVID टेस्ट कराने का आग्रह

Update: 2020-04-10 03:45 GMT

सुप्रीम कोर्ट  के समक्ष एक याचिका दायर की गई है, जिसमें मांग की गई है कि राज्यों, उनके नगरपालिका अधिकारियों और स्थानीय सरकारी प्राधिकरणों को निर्देश दिया जाए कि वे सफाई कर्मचारियों/स्वच्छता कार्यकर्ताओं के जीवन का अधिकार सुनिश्चित करें, जो COVID-19 महामारी के कारण हुए देशव्यापी लाॅकडाउन के मद्देनजर आवश्यक सेवा दे रहे हैं।

इस याचिका में कहा गया है कि 24 घंटे की अवधि के अंदर सफाई कर्मचारियों को सुरक्षात्मक उपकरण उपलब्ध करवाने के लिए प्रावधान किए जाएं। वहीं 48 घंटे की अवधि के भीतर इन श्रमिकों और इनके परिवार के सदस्यों का टेस्ट करवाया जाए।

सामाजिक कार्यकर्ता और दिल्ली सफाई कर्मचारी आयोग के पूर्व अध्यक्ष हरनाम सिंह की ओर से अधिवक्ता महमूद प्राचा द्वारा दायर इस याचिका में कहा गया है कि कोरोना वायरस के प्रकोप के कारण लगाए गए देशव्यापी लाॅकडाउन के कुछ अपवाद हैं। स्वच्छता कर्मचारियों को इनकी सेवाएं जारी रखने के लिए लॉकडाउन से छूट दी गई है क्योंकि इनकी सेवाएं 'आवश्यक' प्रकृति की हैं।

इस याचिका में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की तरफ से जारी एक आंतरिक मार्गदर्शन व एक तकनीकी ब्रीफ को संदर्भित किया गया है,  जिनमें कहा गया कि स्वच्छता कार्यकर्ताओं को अपने कर्तव्यों को पूरा करते हुए उचित व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई) पहनने चाहिए,  जिसमें सुरक्षात्मक बाहरी वस्त्र, दस्ताने, जूते, काले चश्मे या एक चेहरे का कवच, ढाल और माॅस्क शामिल हैं।

याचिका में कहा गया है कि-

''... सफाई कर्मी /स्वच्छता कार्यकर्ता हर शहर, टाउन और गाँव को साफ रखने, सड़कों पर झाडू लगाने, हर घर का कचरा उठाने, सीवर को साफ करने इत्यादि की आवश्यक सेवा देते हैं।

उक्त कार्य को करने के लिए इन सफाई कर्मचारी/ स्वच्छता कार्यकर्ता को अत्यधिक संक्रामक कोरोना वायरस से सुरक्षा प्रदान करने के लिए COVID-19 सुरक्षात्मक गियर / व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई) उपलब्ध नहीं कराए गए हैं।''

यह भी दलील दी गई है कि इन श्रमिकों को बहुत कम भुगतान किया जाता है और यह घनी आबादी वाले इलाकों में रहते हैं, इसलिए, अगर किसी भी कर्मचारी को संक्रमण हुआ तो वह उस इलाके में भी फैला देगा, जहां वह रहता है। इसलिए सच यह है कि वे वायरस के लिए अत्यधिक असुरक्षित और अतिसंवेदनशील हैं। डब्ल्यूएचओ तकनीकी ब्रीफ में भी इस पर प्रकाश ड़ाला गया है।

याचिका में बताया गया है कि

" धारावी, मुंबई में स्वच्छता कर्मचारियों के बीच एक पाॅजिटिव केस सामने आया है, इसलिए  यह सुनिश्चित करने के लिए जरूरी कदम उठाना आवश्यक हो गया है कि सफाई कर्मचारी /स्वच्छता कार्यकर्ताओं को पीपीई /COVID-19 सुरक्षात्मक गियर प्रदान किए जाएं, ताकि सामुदायिक संक्रमण के माध्यम से महामारी को फैलने से रोका जा सके।'' 

याचिका डाउनलोड करने के लिए यहां क्लिक करें




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