निर्भया केस : दिल्ली की अदालत ने दोषियों की मौत की सज़ा पर रोक लगाने की मांग वाली अर्ज़ी खारिज की
दिल्ली की अदालत ने गुरुवार को निर्भया कांड के दोषियों की सजा पर रोक लगाने की याचिका खारिज कर दी। डेथ वारंट के अनुसार दोषियों को कल सुबह 5.30 बजे फांसी होनी है।
पटियाला हाउस के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र राणा ने याचिका खारिज कर दी। 2015 के याकूब मेमन मामले में सुुप्रीम कोर्ट के फैसले का उल्लेख करते हुए अदालत ने कहा कि किसी भी दया याचिका का लंबित होना मौत की सज़ा को निलंबित करने का आधार नहीं हो सकता।
याचिका इस आधार पर स्थानांतरित की गई थी कि दोषी अक्षय सिंह द्वारा दायर दूसरी दया याचिका राष्ट्रपति के समक्ष लंबित है।
दोषियों के लिए पेश अधिवक्ता एपी सिंह ने प्रस्तुत किया कि सज़ा के निष्पादन में हस्तक्षेप के लिए अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय में भी एक आवेदन किया गया है।
मामले के कथित राजनीतिकरण के संबंध में भारत के चुनाव आयोग के समक्ष एक याचिका दायर की गई है। अभियोजक इरफान अहमद ने प्रस्तुत किया कि सिंह द्वारा दिए गए आवेदन कानून में बनाए रखने योग्य नहीं हैं।
अभियोजक ने कहा,
"एपी सिंह सौ आवेदनों को स्थानांतरित कर सकते हैं, लेकिन ये आवेदन कानूनी उपाय नहीं हैं जो मौत के वारंट के निष्पादन को बाधित कर सकें।"