भारत के राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ( NHRC) ने दिसंबर, 2019 के महीने में राजस्थान के कोटा जिले के एक सरकारी अस्पताल में 100 से अधिक बच्चों की मौत के बारे में मीडिया रिपोर्टों का संज्ञान ले लिया है। इनमें से दस बच्चों की मौत 23 से 24 दिसंबर, 2019 के बीच 48 घंटे के भीतर हुई है।
कथित तौर पर अस्पताल में स्थापित 50 फीसदी से अधिक उपकरण खराब हैं और अस्पताल में गहन देखभाल और बुनियादी सुविधाओं की कमी है जिसमें गहन चिकित्सा इकाई (आईसीयू) में ऑक्सीजन की आपूर्ति भी शामिल है।
आयोग ने राजस्थान सरकार के मुख्य सचिव को नोटिस जारी कर चार सप्ताह के भीतर एक विस्तृत रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है जिसमें इस मामले को सुलझाने के लिए उठाए जा रहे कदमों की जानकारी भी शामिल है ताकि ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि भविष्य में अस्पतालों में बुनियादी सुविधाओं और स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी के चलते बच्चों की ऐसी मौतों की पुनरावृत्ति न हो।
आयोग ने कहा है कि मीडिया रिपोर्ट की सामग्री, यदि सही है, तो ये मानवाधिकारों के उल्लंघन का गंभीर मुद्दा उठाती है। इतनी बड़ी संख्या में बच्चों की दर्दनाक मौतें आयोग के लिए चिंता का विषय है। राज्य अपने नागरिकों को बुनियादी चिकित्सा देखभाल प्रदान करने के लिए बाध्य है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार राज्य के अधिकारियों ने कथित तौर पर कहा है कि पहले की तुलना में मौतों की संख्या कम है। राज्य के अधिकारियों द्वारा उद्धृत आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2019 में जे के लोन सरकारी अस्पताल में 963 बच्चों की मृत्यु हुई है जबकि यह आंकड़ा पिछले वर्षों में 1000 से ऊपर था।