भाजपा नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वामी चिन्मयानंद के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोप लगाने के बाद लापता हुई LLM की छात्रा के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को देर रात तक सुनवाई की।
जस्टिस बानुमति और जस्टिस बोपन्ना ने 5 घंटे किया छात्रा का इंतज़ार
जस्टिस आर. बानुमति और जस्टिस ए. एस. बोपन्ना ने करीब 5 घंटे तक छात्रा का इंतजार किया। पहली सुनवाई दिन में 1.15 पर हुई जब पीठ ने उत्तर प्रदेश सरकार से ये जानकारी देने को कहा कि लड़की की लोकेशन कहां है और कितने समय में उसे सुप्रीम कोर्ट लाया जा सकता है। दोपहर 1.35 पर AAG ऐश्वर्या भाटी ने पीठ को बताया कि पुलिस की सुरक्षा में छात्रा फतेहपुर सीकरी के पास है और सुप्रीम कोर्ट आने में उसे 2.5 घंटे लगेंगे। पीठ ने कहा कि वो उसका इंतजार करेंगे।
करीब 1 घंटे तक एकांत में चली छात्रा से बातचीत; शाम 7.40 पर सुनाया गया फैसला
लेकिन यूपी पुलिस की टीम 2 गाड़ियों में छात्रा को शाम 6.30 बजे लेकर पहुंची। इसके बाद दोनों जजों ने अलग से अकेले में उससे बात की। ये बातचीत करीब 1 घंटे तक चली और इसके बाद शाम 7.40 बजे पीठ ने अदालत में सुनवाई शुरू की ओर फैसला सुनाया। पीठ ने साफ कर दिया कि वो इस मामले में सोमवार को एक बार फिर 'मिस A' यानी छात्रा से अलग से बातचीत करेगी और फिर कोर्ट में अपना अगला फैसला सुनाएगी।
उन्नाव रेप पीड़िता के मामले से अदालत ने ली है सीख
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट पर उन्नाव केस में काफी सवाल उठे थे क्योंकि रेप पीड़िता और उसके घरवालों ने CJI को चिट्ठी भेजकर मदद मांगी थी लेकिन वो चिट्ठी काफी दिनों तक CJI को नहीं दी गई। इस बीच पीड़िता के साथ रायबरेली में हादसा हो गया। मीडिया में खबर आने के बाद CJI रंजन गोगोई ने इसे गंभीरता से लिया और इस पर संज्ञान लेकर पूरे केस के ट्रायल को दिल्ली की तीस हजारी अदालत में ट्रांसफर कर दिया। जाहिर है कि छात्रा के मामले में सुप्रीम कोर्ट वो चूक नहीं करना चाहता।
जस्टिस रमना की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष हुआ था मामले का उल्लेख
दरअसल बुधवार को महिला वकीलों के एक समूह ने जस्टिस एन. वी. रमना की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष उल्लेख किया था। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से मामले का संज्ञान लेने का आग्रह किया था। इस मामले को वकील शोभा गुप्ता, सुमिता हजारिका, मोनिका गोसाईं और शोमोना खन्ना की टीम द्वारा किया गया। उन्होंने CJI को पत्र लिखकर यह अनुरोध किया है।
स्वामी चिन्मयानंद पर आरोप लगाने के बाद LLM छात्रा हुई लापता
जैसा कि बताया गया, यह मामला सहारनपुर की LLM की छात्रा से जुड़ा है जिसने पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता स्वामी चिन्मयानंद पर उसका और कई लड़कियों का यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया है। फेसबुक लाइव वीडियो में आरोप लगाने के बाद वह लापता हो गई।
शुकदेवानंद लॉ कॉलेज के निदेशक हैं स्वामी चिन्मयानंद
आरोपी भाजपा नेता उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में स्वामी शुकदेवानंद लॉ कॉलेज के निदेशक हैं, जहां लापता शिकायतकर्ता युवती LLM की छात्रा है। नेता से उसके और उसके परिवार के जीवन के लिए खतरा बताते हुए शिकायतकर्ता ने पिछले हफ्ते शुक्रवार को फेसबुक पर एक लाइव वीडियो पोस्ट किया था जिसमें आरोप लगाया गया था कि चिन्मयानंद ने "कई लड़कियों के जीवन को नष्ट कर दिया है।"
लाइव वीडियो में छात्रा ने मांगी थी मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री से मदद
उसने इस संबंध में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मदद मांगी। "संत समाज का एक बड़ा नेता, जिसने कई लड़कियों के जीवन को नष्ट कर दिया है, वह मुझे जान से मारने की धमकी दे रहा है। मेरे पास उसके खिलाफ सभी सबूत हैं। मैं मोदी जी और योगी जी से अनुरोध करती हूं कि कृपया मेरी मदद करें," उसने खुलासा किया।
उसने कहा, "जब कोई भी लड़की उनके (स्वामी चिन्मयानंद) खिलाफ कार्रवाई करने की कोशिश करती है तो वह उन्हें हत्या की धमकी देता है, दावा करता है कि कानून के सभी हिस्सों के साथ उसके संबंध हैं।"
छात्रा के पिता ने दर्ज कराई चिन्मयानंद के खिलाफ लिखित शिकायत
हालांकि वीडियो वायरल होने के 3 दिन बाद लड़की लापता हो गई। CNN न्यूज़ 18 ने बताया कि उसका फोन बंद है और शनिवार से उसका हॉस्टल का कमरा बंद है। उसके पिता ने आरोप लगाया है कि यह लापता होने का मामला नहीं बल्कि अपहरण का है और उन्होंने स्वामी चिन्मयानंद के खिलाफ लिखित शिकायत दर्ज कराई।
हालांकि, पिता के अनुसार, पुलिस ने स्वामी चिन्मयानंद के खिलाफ अब तक कोई मामला दर्ज नहीं किया है और दर्ज लिखित शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है। वैसे बाद में पुलिस ने अपहरण और धमकी देने का मामला दर्ज कर लिया है।
लड़की की मां को यह कहते हुए बताया गया है कि उसने अपनी बेटी से यह पूछा था कि उसका फोन इतनी बार बंद क्यों हुआ। जवाब में लड़की ने कहा "अगर मेरा फोन लंबी अवधि के लिए बंद हो जाता है तो समझिए कि मैं मुसीबत में हूं। मेरा फोन तभी बंद होगा जब यह मेरे हाथ में नहीं होगा।"