इंटरनेट कैफे मालिक द्वारा भ्रामक सूचना देने से एक लड़की को DU में एडमिशन नहीं मिला, दिल्ली हाईकोर्ट ने राहत देने से किया इंकार

Update: 2019-08-31 09:59 GMT

दिल्ली उच्च न्यायालय ने उस लड़की को राहत देने से इनकार कर दिया है, जो इंटरनेट कैफे के मालिक द्वारा धोखा दिए जाने के चलते दिल्ली विश्वविद्यालय में प्रवेश प्राप्त करने से चूक गई थी।

संदली शर्मा बनाम दिल्ली विश्वविद्यालय के मामले में, याचिकाकर्ता ने इस प्रार्थना के साथ अदालत का दरवाजा खटखटाया था कि दिल्ली विश्वविद्यालय को यह निर्देश दिए जाएं कि उस याचिकाकर्ता को देशबंधु कॉलेज में B.Sc कार्यक्रम में प्रवेश दिया जाए।

उसने कहा कि ऑनलाइन आवेदन फॉर्म भरने के समय, उसे इंटरनेट कैफे के मालिक द्वारा धोखा दिया गया था, जिसने उसे यह सूचित किया था कि उसके आवेदन पत्र और शुल्क को जमा कर दिया गया है, जबकि वास्तव में ऐसा नहीं हुआ था। कंप्यूटर साक्षरता की कमी के कारण, वह कैफे के मालिक द्वारा दिए गए बयान पर निर्भर थी, लेकिन, जब प्रवेश सूची सामने आई, तो उसने कट-ऑफ प्राप्त करने के बावजूद अपना नाम वहां नहीं पाया।

विश्वविद्यालय ने अपने काउंटर हलफनामे में कहा कि याचिकाकर्ता ने न तो कोई अर्जी दाखिल की थी और न ही अपेक्षित शुल्क जमा किया था। इसलिए, उसने उन शर्तों का अनुपालन नहीं किया था, जिनके अंतर्गत प्रवेश की अनुमति दी जाती है।

अदालत ने विश्वविद्यालय के दावे को स्वीकार कर लिया और याचिकाकर्ता को कोई राहत देने से इनकार कर दिया। हालांकि, अदालत ने यह जरुर कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि याचिकाकर्ता को एक अजनबी ने गुमराह किया। 



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