मेंशनिंग : सुप्रीम कोर्ट ने कोर्ट कार्यवाही की लाइव स्ट्रीमिंग, जलीकट्टू की सुनवाई पर सहमति जताई
चीफ जस्टिस एस ए बोबडे ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट की कार्यवाही की लाइव स्ट्रीमिंग पर 2018 के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के कार्यान्वयन के मामले की सुनवाई पर सहमति व्यक्त की।
मामले में याचिकाकर्ताओं में से एक, वरिष्ठ वकील इंदिरा जयसिंह ने फैसले को लेकर दाखिल अपने आवेदन का उल्लेख किया जिसमें उस निर्णय का जिक्र किया गया कि उक्त निर्णय में लाइव स्ट्रीमिंग के लिए तौर-तरीकों के लिए भी कार्यक्रम निर्दिष्ट किया गया है।
"हम इसे सुनेंगे, " चीफ जस्टिस एस ए बोबडे ने आश्वासन दिया।
इसके अलावा तमिलनाडु में जल्लीकट्टू आयोजन के शुरू होने में महज एक दिन शेष है और शीर्ष अदालत बुधवार को मद्रास उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ एक याचिका पर सुनवाई करने के लिए तैयार हो गया है जिसमें जल्लीकट्टू के खेल के दौरान विशेष क्षेत्रों में निगरानी समितियों की की देखरेख में खेल की अनुमति दी गई है।
दरअसल जल्लीकट्टू के सुरक्षित और सुचारू संचालन के लिए सोमवार को मदुरै में मद्रास उच्च न्यायालय की पीठ ने जल्लीकट्टू आयोजनों की निगरानी और पर्यवेक्षण के लिए आयोजन समिति का गठन किया है।अदालत ने जल्लीकट्टू के आयोजन में आयोजन समिति की सहायता के लिए स्थानीय निवासियों की सलाहकार समितियों की भी नियुक्ति की है।
इसके अलावा सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने मुंबई में शिवाजी मेमोरियल मूर्ति के निर्माण पर रोक के खिलाफ महाराष्ट्र सरकार की याचिका का उल्लेख किया जिस पर CJI ने 2 सप्ताह में सूचीबद्ध करने पर सहमति व्यक्त की।जनवरी, 2019 में सुप्रीम कोर्ट में तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति संजय किशन कौल की पीठ ने निर्माण को रोकने का आदेश दिया था और बॉम्बे हाईकोर्ट के रोक हटाने से इनकार के खिलाफ सुनवाई करते हुए महाराष्ट्र सरकार और केंद्र को नोटिस जारी किया था। ये याचिका एनजीओ, कंजरवेशन एक्शन ट्रस्ट और एक्टिविस्ट देबी गोयनका द्वारा समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र के कथित विनाश, मछली पकड़ने वाले समुदाय की आजीविका को प्रभावित करने के लिए खिलाफ दायर की गई है।