मणिपुर हाईकोर्ट ने कुकी महिलाओं की मुआवजे वाली याचिका पर राज्य और केंद्र सरकार से मांगा जवाब
मणिपुर हाईकोर्ट ने हाल ही में केंद्र और राज्य सरकार से नोटिस जारी करते हुए काउंटर-एफ़िडेविट दाखिल करने को कहा। यह याचिका कुकी महिलाओं द्वारा कथित रूप से साइबोल गांव, कांगपोक्पी जिले में हुए प्रदर्शन के दौरान अर्धसैनिक बलों द्वारा की गई कार्रवाई में चोटें प्राप्त करने के मामले से संबंधित है।
याचिका में कई मांगें की गईं, जिनमें शामिल हैं:
1. प्रभावित महिलाओं के खिलाफ FIR दर्ज करना।
2. अभियोग की अनुमति प्रदान करना।
3. SIT द्वारा जांच करवाना।
4. पीड़ितों को मुआवजा देना।
याचिकाकर्ता संगठन का कहना कि प्रदर्शन का उद्देश्य था कि सुरक्षा कर्मियों ने सामुदायिक बंकरों पर जबरदस्ती कब्जा किया, जिससे महिलाओं को चोटें आईं।
जस्टिस ए. गुनेश्वर शर्मा की पीठ ने केवल मुआवजे से संबंधित राज्य सरकार को नोटिस जारी किया।
एडवोकेट जनरल ने कहा कि इस समय CRPF कर्मियों (प्रतिवादी नंबर 7 से 9) को व्यक्तिगत रूप से नोटिस नहीं दिया जाए, क्योंकि इससे मणिपुर में अन्य सुरक्षा बलों का मनोबल प्रभावित हो सकता है।
केंद्रीय सरकार के वकील ने कहा कि वे संबंधित व्यक्तिगत कर्मियों को हटाने का अनुरोध दाखिल करने के लिए निर्देश ले सकते हैं और केवल आधिकारिक प्रतिवादी ही मामले में जवाब दे।
सीनियर आनंद ग्रोवरने याचिकाकर्ता का प्रतिनिधि करते हुए कहा कि न्यायालय उपयुक्त आदेश पारित कर सकता है।
न्यायालय ने आदेश दिया:
“प्रतिवादी नंबर 7 से 9 को नोटिस स्थगित किया जाता है। आधिकारिक प्रतिवादी तीन सप्ताह के भीतर काउंटर-एफ़िडेविट दाखिल करें। यदि कोई प्रत्युत्तर है तो दो सप्ताह के भीतर दाखिल किया जाए।”
यह मामला 17 अक्टूबर को फिर से सूचीबद्ध होगा।