अनुच्छेद 370 : सुप्रीम कोर्ट ने J&K से पूछा, कश्मीर में सार्वजनिक परिवहन के क्या हालात
जम्मू और कश्मीर में अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद प्रतिबंधों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार से 5 अगस्त के बाद सार्वजनिक परिवहन को लेकर रिपोर्ट मांगी है।
जस्टिस एन वी रमना, जस्टिस आर सुभाष रेड्डी और जस्टिस बी आर गवई की पीठ ने बुधवार को कहा कि राज्य गुरुवार को ही ये रिपोर्ट दाखिल करे। पीठ ने पूछा,
" क्या जम्मू-कश्मीर में सार्वजनिक परिवहन पर प्रतिबंध है? क्या वहां किसी भी बस या ट्रक को अनुमति नहीं दे रहे हैं? कल सुबह पहली बात आपको हमें बतानी होगी कि प्रतिबंधों के दौरान कितनी बसें, सार्वजनिक परिवहन, ट्रक चल रहे हैं।"
वहीं सुनवाई के दौरान जस्टिस रमना ने कांग्रेसी नेता गुलाम नबी आजाद की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल से पूछा कि क्या कभी अदालत ने ऐसे मुद्दे पर फैसला किया है ?
सिब्बल ने कहा कि सात दशकों में कभी ऐसा नहीं हुआ। लाखों लोगों के अधिकार छीन लिए गए हैं। सरकार अशांति फैलाने वालों को गिरफ्तार करे लेकिन शांतिपूर्वक प्रदर्शन करने वालों पर प्रतिबंध क्यों लगाया गया है। सेब व्यापारी काम नहीं कर पा रहे हैं। परिवहन पर भी रोक लगाई गई है। सीमा पार आतंक आज शुरू नहीं हुआ। कोई भी सीमा पार कर सकता है। यह 5 अगस्त को सब कुछ बंद करने के कारण नहीं हो सकता है। पीठ गुरुवार को भी सुनवाई जारी रखेगी।