बेसमेंट पार्किंग गैरेज है या बेसमेंट? डेवलपर ने कहा-गैरेज, एनसीडीआरसी ने कहा- नहीं

Update: 2020-01-06 05:15 GMT

एनसीडीआरसी ने कहा है कि तमाम सुरक्षाओं के बाद भी बेसमेंट पार्किंग को गैरेज का दर्जा नहीं दिया जा सकता है।

"बेसमेंट का उपयोग किसी भी काम के लिए किया जाए, फिर भी वो बेसमेंट ही रहता है। पार्किंग क्षेत्र एक ऐसा एरिया है, जहां वाहनों की पार्किंग की जाती है, ऐसी जगह कहीं भी हो सकती है. कार पार्किंग के लिए इस्तेमाल हो रहा बेसमेंट, मेरे विचार से, एक गैरेज नहीं हैं, चूंकि एक व्यक्तिगत आवंटी उस पर अपना ताला और चाबी नहीं लगा सकता और बेसमेंट के प्रवेश द्वार और अन्य जगहों पर सुरक्षा होने के बावजूद, यह उतना सुरक्षित नहीं हो सकता जितना की एक व्यक्तिगत गैरेज , जिसे आवंटी द्वारा बंद किया जा सकता है।"

जस्टिस जेके जैन ने डीएलएफ यूनिवर्सल लिमिटेड के प्रोजेक्ट "डीएलएफ कैपिटल ग्रीन्स" के होमबॉयर्स द्वारा की गई शिकायतों के एक बैच पर सुनवाई करते हुए ये कहा। परियोजना में विलंब की श‌िकायत के अलावा, होमबायर्स ने क्लब हाउस और बेसमेंट पार्किंग जैसी सुविधाओं को कॉमन एरिया से बाहर करने पर भी आपत्ति जताई।

डेवलपर ने कहा कि यह त्रीस्तरीय बेसमेंट पार्किंग है, जो न केवल ऊपर से बल्कि, तीन ओर से कार को पूरी सुरक्षा देती है और बेसमेंट के अंदर, बाहर और गेट पर कैमरे भी लगे हुए हैं, सुरक्षाकर्मियों की भी व्यवस्‍था है, इस‌लिए ये गैरेज से बहुत बेहतर है, जो या तो सामने से खुला होता है या जिसमें केवल एक लॉक होता है।

डीएलएफ और शिकायतकर्ता दोनों ने ही सुप्रीम कोर्ट के नाहलचंद लालूचंद पी लिमिटेड बनाम पांचाली को-ऑप हाउसिंग सोसाइटी लिमिटेड के निर्णय पर भरोसा किया, जिस मामले में डेवलपर ने स्टिल्ट पार्किंग स्पेस/ओपन पार्किंग प्रदान की थी और घोषणा की थी कि उक्त पार्किंग होमबायर्स की होगी।

जस्टिस जेके जैन ने कहा कि नाहलचंद मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार, ए) स्टैंडअलोन गैरेज एक फ्लैट नहीं है, बी) मोटर पार्किंग के लिए प्रयोग हो रहा प्रत्येक स्थान एक गैरेज नहीं है, सी) MoFA (महाराष्ट्र फ्लैट ओनरशिप एक्ट) के प्रयोजन के लिए "गैरेज " शब्द पर विचार किया जाना चाहिए जैसा कि एक फ्लैट खरीदार द्वारा समझा जाएगा और घ) एक गैरेज में छत और तीन ओर से दीवार होनी चाहिए।

उन्होंने कहा, "बेसमेंट को दिल्ली अपार्टमेंट ओनरशिप एक्ट की धारा 3 (जे) में कॉमन एरिया में दी गई सुविधाओं की परिभाषा में शामिल किया गया है। पार्किंग क्षेत्र भी कॉमन एरिया की सुविधाओं की परिभाषा में स्पष्ट रूप से शामिल किया गया है।

बेसमेंट का मतलब बहुमंजिला इमारत में उपलब्ध कराया गए सभी बेसमेंट से है, भले ही बेसमेंट का उपयोग जिस रूप में भी किया जाए। दिल्ली अपार्टमेंट ओनरशिप एक्ट बेसमेंट को कॉमन एरिया और सुविधाओं के दायरे से अलग नहीं करता, जिसका इस्तेमाल कार पार्किंग के लिए किया जाता है।

इसी तरह, पार्किंग क्षेत्र, भले ही ऐसे क्षेत्र खुले हों या ढंके हों, चाहे वे सतह पर या स्टिल्ट क्षेत्र में या बेसमेंट में हों, बहुमंजिला इमारत के संबंध में कॉमन एरिया का‌ ही हिस्सा हैं।

*सुरक्षा के बावजूद, बेसमेंट पार्किंग गैरेज नहीं है

"एक पार्किंग क्षेत्र, जहां भी स्थित हो, ऐसे क्षेत्र वाहनों की पार्किंग के लिए होते हैं। जहां तक दिल्ली अपार्टमेंट ओनरशिप एक्ट की धारा 3 (सी) में प्रयुक्त 'गेराज' शब्द का संबंध है, यह मेरी राय में है , एक कवर किए गए स्थान को ध्यान में रखता है, जो किसी विशेष अपार्टमेंट के मालिक के एक्सक्लूस‌िव उपयोग के लिए दिया जाता है और दूसरे अपार्टमेंट के मालिकों का ऐसे स्थान पर कोई अधिकार नहीं होता है।

एक साधारण अपार्टमेंट के मालिक के लिए गेराज का मतलब एक ऐसी जगह है जहाँ वह अपने वाहन को खुद के लॉक और चाबी के साथ सुरक्षित रूप से पार्क कर सकता है, अन्य अपार्टमेंट मालिकों की इसमें कोई हिस्सेदारी नहीं होती, हालांकि इस तरह के गेराज जरूरी नहीं कि जिस इमारत में अपार्टमेंट स्थित है, उसके बगल में ही हों।"

डीएलएफ की दलील कि यदि अपार्टमेंट का मूल्य निर्धारित करते समय क्लब एरिया और बेसमेंट पार्किंग को शामिल किया गया होता तो, अपार्टमेंट की लागत बहुत ज्यादा होती, आयोग ने कहा, "अगर ऐसा है तो भी कानून ये अनुमति नहीं देता कि अपार्टमेंट की कीमत निर्धारित करते समय डेवलपर उक्त क्षेत्रों को छोड़ दे।"

"डेवलपर को उन सामान्य क्षेत्रों और सुविधाओं के लिए चार्ज करने की अनुमति नहीं दी जा सकती है, जो उसने जानबूझकर उक्त क्षेत्रों और सुविधाओं के हिस्से के रूप में शामिल नहीं किया था," आयोग ने अपने फैसले में कहा।

क्लब के आरोपों पर आयोग ने यह भी कहा कि चूंकि एक क्लब मुख्य रूप से अपने सदस्यों को खेल और मनोरंजक सुविधाएं प्रदान करने के लिए है, यह दिल्ली अपार्टमेंट ओनरशिप एक्ट के तहत कॉमन एरिया और सुविधाओं का हिस्सा होगा।

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