जूनियर वकील बहस के मौके को लपकना सीखें, जस्टिस मुरलीधर की विदाई भाषण में युवा वकीलों को नसीहत
जस्टिस डॉ एस मुरलीधर को हाल ही में पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में ट्रांसफर किया गया है।
"मैंने तस्मे बांध लिए हैं, अब मैं पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट का कार्यभार संभालने के लिए तैयार हूं।"
दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस डॉ एस मुरलीधर ने जब इन शब्दों के साथ अपना भाषण समाप्त किया तो दिल्ली हाईकोर्ट बार एसोसिएशन की ओर से आयोजित विदाई समारोह तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। वकीलों ने उन्हें स्टैंडिंग ओवेशन दिया और जस्टिस मुरलीधर के प्रति अपने सम्मान और प्रेम को अद्भुत प्रदर्शन किया ।
उल्लेखनीय है कि जस्टिस डॉ एस मुरलीधर को हाल ही में पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में ट्रांसफर किया गया है। उन्होंने दिल्ली हाईकोर्ट में 14 साल सेवा दी थी, इसी सिलसिले में दिल्ली हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने गुरुवार को विदाई समारोह का आयोजन किया था।
समारोह में दिल्ली हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल ने कहा कि दिल्ली हाईकोर्ट ने अपना एक "प्रख्यात न्यायाधीश" खो रहा है।
जस्टिस मुरलीधर ने अपने भाषण की शुरुआत यह कहकर की कि कैसे एक दुर्घटना कारण वह वकील बने।
उन्होंने कहा कि कानून के साथ उनका रिश्ता संयोगवस ही हुआ, वह भी एक वकील के बेटे के साथ उनकी दोस्ती के कारण, जिसके साथ वह क्रिकेट खेला करते थे। जस्टिस मुरलीधर ने कहा कि वह अपने दोस्त के पिता की अलमारियों में रखी साफसुथरी बाइंड की हुई कानून की मोटी रपटों से काफी प्रभावित रहते हैं।
जब उनके दोस्त ने कहा कि वह लॉ के कोर्स के लिए आवेदन कर रहा हैं, तो उन्होंने भी एमएससी करने के बजाय लॉ करने का फैसला किया। जस्टिस मुरलीधर ने उसके बाद अपने भाषण में बताया कि कैसे उन्होंने पूर्व अटॉर्नी जनरल जी रामास्वामी के चैंबर में जूनियर वकील के अपनी प्रैक्टिस की शुरुआत की। जी रामास्वामी की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा कि वह कुशाग्र स्मृति के व्यक्ति थे।
Justice Muralidhar talking about his experiences as a lawyer for Bhopal Gas tragedy victims#DelhiHighCourt #JusticeMuralidhar pic.twitter.com/mZAa9sn0AQ
— Live Law (@LiveLawIndia) March 5, 2020
जस्टिस मुरलीधर ने बताया की जी रामास्वीमी के साथ सीखना कि किसी व्यक्ति के साथ पहले पग सीखने का अवसर था। जस्टिस मुरलीधर ने बताया कि जी रामास्वामी ऐसे वकील थे, जिन्हें कठिनतम मामलों के लिए याद किया जाता था।
जस्टिस मुरलीधर ने भोपाल गैस त्रासदी मामले में पीड़ितों के वकील के रूप में भी अपने अनुभव याद किए,जिसमें उन्होंने मुआवजे के लिए भोपाल में बने ट्रिब्यूनल के समक्ष कई पेशियां दी थीं। उन्होंने कहा कि एक न्यायाधीश के रूप में भी, वह "बहस" करने का आग्रह महसूस करते थे, और कानून के विभिन्न विषयों पर कई बार उन्होंने वकीलों के साथ बौद्धिक विमर्श किया।
Chief Justice of Delhi HC DN Patel said that the Court was losing an eminent judge who could discuss any topic of law and decide any type of matter.
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हाज़िरजवाबी और बौद्धिकता से लबरेज़ जस्टिस मुरलीधर का भाषण एक रोचक किस्से के साथ समाप्त हुआ। उन्होंने बताया कि उन्हें 'हास' का शौक है और वो ऐसे मौके छोड़ते नहीं जिनमें हास-परिहास करने का मौका मिले।
The Delhi High Court Bar Association organised a farewell high tea for Justice Dr. Muralidhar on his transfer to P&H HC. The gathering was attended by multiple lawyers. pic.twitter.com/ZDpZC29qQf
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उन्होंने बताया कि एक बार एक युवा वकील ने उनसे पूछा "सर, आप डाई करते हैं?" "हम सभी को, एक दिन करना है", जस्टिस मुरलीधर ने जवाब दिया, और दर्शकों की हंसी फूट पड़ी अपने भाषण में उन्होंने युवा वकीलों को भी सलाह दी। उन्होंने कहा, "मैं चाहता हूं कि जूनियर वकील तैयार हों और बहस करने के अवसरों को लपक लें।"