गोवा में नए एयरपोर्ट का मामला : मुख्य न्यायाधीश ने दो टूक कहा, नई बेंच के गठन की स्थिति में नहीं

Update: 2019-10-23 06:37 GMT

गोवा के मोपा में अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे को लेकर गोवा सरकार की जल्द सुनवाई की अर्जी को देश के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने नकार दिया। मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि फिलहाल उनके पास किसी नई बेंच के गठन की स्थिति में नहीं है।

दरअसल बुधवार को अटार्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने गोवा सरकार की ओर से मुख्य न्यायाधीश के समक्ष कहा था कि इस मामले को किसी अन्य पीठ को सौंपा जाना चाहिए क्योंकि मामले की सुनवाई करने वाली पीठ अन्य मामलों में व्यस्त है।

इस पर मुख्य न्यायाधीश गोगोई ने कहा, " हम नई पीठ के गठन की स्थिति में नहीं हैं। आप संबंधित जज के पास जाकर मेंशन कर सकते हैं कि वो केस को छोड़ दें। इसके बाद नई बेंच का गठन किया जा सकता है।"

सुप्रीम कोर्ट ने लगाई थी रोक

गौरतलब है कि 29 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने गोवा के मोपा में एक अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा के लिए मिली पर्यावरण मंजूरी पर रोक लगा दी थी। पीठ ने विशेषज्ञ मूल्यांकन समिति (EIA) को इस परियोजना का पारस्थितिकी पर पड़ने वाले प्रभाव को ध्यान में रखते हुए अपने फैसले पर पुनर्विचार करने का निर्देश दिया था। ये फैसला जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस हेमंत गुप्ता की पीठ ने दिया था।

पीठ ने कहा था कि EIA की रिपोर्ट से यह गंभीर खामी उभर कर सामने आई है कि समिति परियोजना स्थल से 10 किमी के अंदर पश्चिमी घाट की पारिस्थितिकी संवदेनशीलता को संज्ञान में लेने में नाकाम रही।

पीठ नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के 21 अगस्त 2018 के फैसले के खिलाफ दायर अपील पर सुनवाई कर रही थी। दरअसल एनजीटी ने गोवा के मोपा में एक नया हवाई अड्डा बनाने के लिए मिली पर्यावरण मंजूरी को रद्द करने से इनकार कर दिया था। 

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