ईडब्ल्यूएस मुद्दा: सुप्रीम कोर्ट मई, 2022 में 8 लाख रुपये वार्षिक आय मानदंड की वैधता को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करेगा

Update: 2022-04-28 11:05 GMT

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को मई, 2022 के दूसरे सप्ताह के लिए नीट प्रवेश के लिए अखिल भारतीय कोटा में आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों (ईडब्ल्यूएस) आरक्षण की ऊपरी सीमा के रूप में 8 लाख रुपये की वार्षिक आय सीमा के मानदंड की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं को सूचीबद्ध किया।

जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस बेला एम त्रिवेदी की बेंच को सीनियर एडवोकेट अरविंद दातार ने मामले की तत्काल सुनवाई करने का अनुरोध किया, क्योंकि अगली नीट-पीजी एग्जाम 23 मई, 2022 को निर्धारित है और परिणाम 30 मई, 2022 को घोषित किए जाएंगे।

सीनियर एडवोकेट ने कहा,

"माई लॉर्ड लंच टाइम तक बैठे हैं और इसे लेने की संभावना नहीं है। केवल मुश्किल यह है कि परीक्षा 23 मई को है और परिणाम 30 मई को घोषित किए जाएंगे।"

जस्टिस चंद्रचूड़ ने सीनियर एडवोकेटल द्वारा किए गए अनुरोध को स्वीकार करते हुए कहा,

"हम इसे अगले सप्ताह के लिए रख सकते हैं।"

उल्लेखनीय है कि सात जनवरी, 2022 को सुप्रीम कोर्ट ने अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए मौजूदा 27% कोटा के आधार पर 2021-22 प्रवेश के लिए नीट-पीजी और नीट-यूजी के लिए अखिल भारतीय कोटा में आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों (ईडब्ल्यूएस) के लिए 10% आरक्षण के तहत काउंसलिंग प्रक्रिया शुरू करने की अनुमति दी थी। कोर्ट ने 27% ओबीसी आरक्षण की संवैधानिकता को बरकरार रखा था। ईडब्ल्यूएस (रुपये 8 लाख सकल वार्षिक आय कट-ऑफ) निर्धारित करने के मानदंड के संबंध में न्यायालय ने मौजूदा प्रवेश वर्ष के लिए मौजूदा मानदंडों को संचालित करने की अनुमति दी ताकि प्रवेश प्रक्रिया में और देरी न हो।

उसी की अनुमति देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने मार्च, 2022 के लिए भविष्य के लिए ईडब्ल्यूएस की पहचान के लिए पांडे समिति द्वारा निर्धारित मानदंडों के संबंध में मामले को सूचीबद्ध किया था।

आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों (ईडब्ल्यूएस) आरक्षण के मानदंडों पर फिर से विचार करने के लिए केंद्र द्वारा बनाई गई समिति ने 8 लाख रुपये की वार्षिक आय मानदंड को बनाए रखने की सिफारिश की थी, लेकिन पांच एकड़ कृषि भूमि रखने वाले परिवार को इस दायरे से बाहर रखने की सिफारिश की है। समिति ने आगे आवासीय संपत्तियों के संबंध में मानदंड को हटाने की सिफारिश की है। लेकिन समिति ने सिफारिश की कि ये संशोधन अगले शैक्षणिक वर्ष से लागू किए जाएं।

केस शीर्षक: नील ऑरेलियो नून्स एंड अन्य बनाम भारत संघ और अन्य, यश टेकवानी और अन्य बनाम चिकित्सा परामर्श समिति और अन्य, मधुरा कविश्वर और अन्य बनाम भारत संघ और अन्य, अपूर्व सतीश गुप्ता और अन्य बनाम भारत संघ और अन्य, क्रिस्टीना एन थॉमस और अन्य बनाम भारत संघ और अन्य

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