दिल्ली दंगों के आरोपी ने बेटी की शैक्षणिक फीस के लिए धन की व्यवस्था करने के लिए अंतरिम जमानत के लिए हाईकोर्ट का रुख किया, कल होगी सुनवाई

Update: 2025-03-27 10:19 GMT
दिल्ली दंगों के आरोपी ने बेटी की शैक्षणिक फीस के लिए धन की व्यवस्था करने के लिए अंतरिम जमानत के लिए हाईकोर्ट का रुख किया, कल होगी सुनवाई

2020 के उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगों में बड़ी साजिश का आरोप लगाने वाले UAPA मामले के आरोपी मोहम्मद सलीम खान ने गुरुवार को दिल्ली हाईकोर्ट का रुख कर दो सप्ताह की अंतरिम जमानत मांगी।

खान ने अपनी बेटी की शैक्षणिक फीस के लिए धन की व्यवस्था करने के लिए राहत मांगी, जो BA LLB की पढ़ाई कर रही है।

मामले की सुनवाई जस्टिस चंद्र धारी सिंह और जस्टिस अनूप जयराम भंभानी की खंडपीठ ने की।

शुरुआत में जस्टिस सिंह ने खान के वकील से कहा कि आरोपी की अंतरिम जमानत को उस पीठ के समक्ष सूचीबद्ध किया जाना चाहिए, जो उनके द्वारा दायर जमानत अपील पर फैसला सुना रही है।

वकील ने अदालत को बताया कि खान की जमानत याचिका जो पिछले तीन वर्षों से लंबित है। वर्तमान में जस्टिस नवीन चावला की अध्यक्षता वाली एक विशेष पीठ के समक्ष निर्णय के लिए लंबित है जो नियमित रूप से नहीं बैठती है और केवल विशिष्ट तिथियों पर ही बैठती है।

इस पर जस्टिस भंभानी ने कहा,

“आम तौर पर अंतरिम जमानत भी वहीं मिलती है, जहां मुख्य जमानत होती है। हम आपकी बात समझते हैं कि विशेष पीठ के कारण कठिनाई हो रही है लेकिन वह पीठ ही देखेगी।

इसके बाद न्यायालय ने आदेश दिया कि अंतरिम जमानत याचिका को चीफ जस्टिस के आदेश के अधीन कल विशेष पीठ के समक्ष सूचीबद्ध किया जाए।

न्यायालय ने कहा,

“यह प्रार्थना की जाती है कि अंतरिम जमानत को भी [विशेष पीठ के समक्ष] सूचीबद्ध किया जाए। अनुरोध पर चीफ जस्टिस की अनुमति से उसी पीठ [जिसमें जस्टिस नवीन चावला और जस्टिस शालिंदर कौर शामिल हैं] के समक्ष कल के लिए सूचीबद्ध करें।”

खान ने 25 मार्च को उनकी अंतरिम जमानत याचिका खारिज करने के निचली अदालत के आदेश को चुनौती दी।

निचली अदालत के समक्ष खान ने कहा कि वित्तीय बाधाओं के कारण उनकी बेटी की तीसरे और चौथे सेमेस्टर की शैक्षणिक फीस का भुगतान नहीं किया गया। गिरफ्तारी से पहले वह एक व्यवसाय का प्रबंधन कर रहे थे और उनके पास 16 लाख रुपये से अधिक का स्टॉक था, जिसे वह किफायती मूल्य पर बेच सकते थे और प्राप्त धन का उपयोग शैक्षणिक फीस का भुगतान करने के लिए कर सकते थे।

ट्रायल कोर्ट ने यह कहते हुए राहत देने से इनकार कर दिया कि खान को अलग-अलग कारणों से चार बार अंतरिम जमानत दी गई और उन्होंने पहले के आवेदन में भी स्टॉक बेचने का यही आधार उठाया।

ट्रायल कोर्ट ने कहा,

आवेदक को पहले ही ज़रूरी काम कर लेना चाहिए था, जब उसे उचित समय के लिए अंतरिम जमानत पर रिहा किया गया। आवेदक निश्चित रूप से कानून की प्रक्रिया का दुरुपयोग नहीं कर सकता। केवल उचित कारणों से अंतरिम जमानत नहीं मांग सकता। इस बार अदालत ने आवेदक की प्रार्थना को स्वीकार करना उचित नहीं समझा और इसे खारिज किया जाता है।”

विशेष पीठ उमर खालिद शरजील इमाम, मोहम्मद सलीम खान, शिफा उर रहमान, शादाब अहमद, अतहर खान, खालिद सैफी और गुलफिशा फातिमा जैसे आरोपियों द्वारा दायर जमानत याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है।

2020 की FIR 59 दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल द्वारा भारतीय दंड संहिता, 1860 और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 के तहत विभिन्न अपराधों के तहत दर्ज की गई।

मामले में आरोपी हैं ताहिर हुसैन, उमर खालिद, खालिद सैफी, इशरत जहां, मीरान हैदर, गुलफिशा फातिमा, शिफा-उर-रहमान, आसिफ इकबाल तन्हा, शादाब अहमद, तस्लीम अहमद, सलीम मलिक, मोहम्मद। सलीम खान, अतहर खान, सफूरा जरगर, शरजील इमाम, फैजान खान और नताशा नरवाल।

टाइटल: मो. सलीम खान बनाम राज्य

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