ब्रेकिंग : निर्भया केस में नहीं होगी अभी दोषियों को फांसी, कोर्ट ने अगले आदेश तक टाली 

Update: 2020-01-31 12:40 GMT

निर्भया गैंगरेप और हत्या मामले में दोषियों को शनिवार को होने वाली फांसी फिर टल गई है।  अतिरिक्त सेशन जज धर्मेंद्र राणा ने शुक्रवार को ये फैसला सुनाते हुए कहा कि अगले आदेश तक फांसी नहीं होगी। 

सुनवाई के दौरान तिहाड़ जेल की ओर से कहा गया कि दोषी विनय को छोड़कर किसी की दया याचिका या अन्य कोई याचिका लंबित नहीं है। इसलिए उसे छोड़कर तीन दोषियों को शनिवार सुबह फांसी दी जा सकती है। 

वहीं दोषी मुकेश की ओर ये पेश वृंदा ग्रवोर ने इसका विरोध किया और कहा कि इस तरह अलग- अलग करके दोषियों को फांसी नहीं दी जा सकती।

सुप्रीम कोर्ट का 1982 के एक फैसले का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि अगर किसी एक दोषी को फांसी दी जाती है और बाद में दूसरे की फांसी माफ हो जाती है तो ये उसके साथ अन्याय होगा। अगर कोई दोषी एक ही अपराध पर एक ही फैसले के तहत दोषी ठहराए जाते हैं तो उन्हें सजा भी एक साथ ही दी जा सकती है।

तीन दोषियों के वकील ए पी सिंह ने कहा कि इस डेथ वारंट को टाला जाना चाहिए। वहीं निर्भया के परिजनों की ओर से विरोध करते हुए कहा गया कि दोषी समय खींचे जा रहे हैं और उन्हें अब समय नहीं दिया जा सकता। 

दरअसल मौत की सजायाफ्ता दोषियों की ओर से पटियाला हाउस कोर्ट में अर्जी दाखिल कर एक फरवरी को होने वाली फांसी को टालने की मांग करते हुए डेथ वारंट को रद्द करने का अनुरोध किया गया था। 

गुरुवार को हुई सुनवाई में अदालत ने तिहाड़ जेल से दोषी विनय शर्मा द्वारा राष्ट्रपति के पास दाखिल दया याचिका पर स्टेटस रिपोर्ट मांगी थी। दोषियों के वकील ए पी सिंह की दलील थी कि अब विनय ने दया याचिका लगाई है तो शनिवार को फांसी नहीं हो सकती।

दूसरी ओर जेल की ओर से कहा गया कि प्रशासन ने अदालत के आदेश पर दोषियों को सात दिनों के भीतर दया याचिका लगाने के लिए नोटिस भेजा था लेकिन दोषी ने 40 दिनों के बाद ये याचिका लगाई है। ये कानून का मखौल उड़ाना है। 

 इस पर अदालत ने जेल प्रशासन को दया याचिका के संबंध में स्टेटस रिपोर्ट मांगी थी 

गौरतलब है कि पटियाला हाउस कोर्ट ने सात जनवरी को चारों दोषियों को 22 जनवरी को फांसी देने के लिए डेथ वारंट जारी किया था। 17 जनवरी को मुकेश की दया याचिका खारिज होने पर अदालत ने नया डेथ वारंट जारी कर एक फरवरी की सुबह 6 बजे फांसी देने के लिए नया डेथ वारंट जारी किया। 

ये वारंट शत्रुघ्न चौहान मामले में सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले के आधार पर दिया गया जिसमें कहा गया था कि दया याचिका खारिज होने के बाद सजा के लिए कम से कम 14 दिनों का समय दिया जाना चाहिए।

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