सीआरपीसी धारा 394 के तहत मृतक अपीलकर्ता की ओर से पेश हुए वकील/ एमिक्स क्यूरी को अपील जारी रखने के लिए 'निकट संबंधी' नहीं माना जा सकता : सुप्रीम कोर्ट

Update: 2022-03-09 11:15 GMT

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अपील जारी रखने के उद्देश्य से सीआरपीसी की धारा 394 के तहत मृतक अपीलकर्ता की ओर से पेश हुए एमिक्स क्यूरी को 'निकट संबंधी' नहीं माना जा सकता।

जस्टिस विनीत सरन और जस्टिस अनिरुद्ध बोस की पीठ ने कहा कि एक अपराधी द्वारा दायर की गई आपराधिक अपील उसकी मृत्यु पर समाप्त हो जाएगी यदि अपील जारी रखने के लिए अनुमति के लिए 30 दिनों के भीतर किसी करीबी रिश्तेदार माता-पिता, पति या पत्नी, वंशज, भाई या बहन द्वारा नहीं कोई आवेदन किया जाता है।

इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के समक्ष अपीलकर्ता को निचली अदालत ने अपनी बहू की हत्या का दोषी ठहराया था। हाईकोर्ट ने सजा की पुष्टि की। सुप्रीम कोर्ट में अपील के लंबित रहने के दौरान उसकी मृत्यु हो गई।

अदालत ने कहा कि दंड प्रक्रिया संहिता, 1973 की धारा 394 के अनुसार अपीलकर्ता/दोषी की मृत्यु पर अपील को समाप्त किया जाना चाहिए।

अदालत ने नोट किया,

"इसके प्रोविज़ो में इस आशय का अपवाद है कि एक निकट संबंधी, अपीलकर्ता/दोषी की मृत्यु के 30 दिनों के भीतर अपील जारी रखने की अनुमति के लिए अपीलीय न्यायालय में आवेदन कर सकता है। उक्त प्रोविज़ो का स्पष्टीकरण 'निकट संबंधी' को परिभाषित करता है कि इसका अर्थ माता-पिता, पति या पत्नी, वंशज वंशज, भाई या बहन है।"

अदालत ने आगे नोट किया कि अपीलकर्ता/दोषी की मृत्यु के बाद अपील जारी रखने की अनुमति के लिए कोई आवेदन नहीं है।

मृतक-अपीलकर्ता के लिए एमिक्स क्यूरी के रूप में पेश हुए वकील ने अदालत के समक्ष प्रस्तुत किया कि अपीलकर्ता/दोषी के बरी होने की पूरी संभावना है और दोषी की मृत्यु के बाद भी समाप्त नहीं होने वाली अपील प्रदान करने में विधायिका के इरादे पर विचार किया जाए। एमिक्स क्यूरी के रूप में उनकी मौखिक प्रार्थना को इस अपील को जारी रखने के लिए एक आवेदन के रूप में माना जाना चाहिए और अपील को समाप्त नहीं किया जाना चाहिए।

इस याचिका को खारिज करते हुए अदालत ने कहा:

"वकील, एक एमिक्स क्यूरी के रूप में, मृतक अपीलकर्ता/दोषी के निकट संबंधी के रूप में नहीं माना जा सकता है। हमारी राय के अनुसार, अपील को जारी रखने के लिए 30 दिनों के भीतर या उसके बाद भी किसी निकट संबंधी द्वारा आवेदन नहीं किया गया है। सीआरपीसी की धारा 394 के प्रावधान के अनुसार, यह अपील समाप्त हो जाएगी। तदनुसार, अपील को समाप्त होने के रूप में निपटाया जाता है।"

हेडनोट्स: दंड प्रक्रिया संहिता, 1973; धारा 394 - आपराधिक अपील की समाप्ति - अपील के लंबित रहने के दौरान अपीलकर्ता की मृत्यु हो गई - एमिकस क्यूरी के रूप में किसी अधिवक्ता को मृतक अपीलकर्ता/दोषी के निकट संबंधी के रूप में नहीं माना जा सकता - किसी निकट संबंधी द्वारा सीआरपीसी की धारा 394 के प्रावधान के अनुसार, अपील को जारी रखने के लिए आवेदन 30 दिनों के भीतर या उसके बाद भी नहीं किया गया है, यह अपील समाप्त हो जाएगी।

मामले का विवरण

येरुवा साईरेड्डी बनाम आंध्र प्रदेश राज्य | 2016 की सीआरए 233 | 7 मार्च 2022

साइटेशन: 2022 लाइव लॉ (SC) 257

पीठ: जस्टिस विनीत सरन और जस्टिस अनिरुद्ध बोस

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