किसी वकील की सुविधा किसी याचिका को अन्य क्षेत्राधिकार में स्थानांतरित करने का आधार नहीं हो सकती, पढ़िए हाईकोर्ट का फैसला
एक प्रकरण की पृष्ठभूमि में रुबलप्रीत कौर द्वारा एक आवेदन वकील मुनीश गुप्ता के माध्यम से तलाक की याचिका को स्थानांतरित करने के लिए दायर किया गया था। यह याचिका उनके पति, प्रतिक्रियावादी ने उनके खिलाफ दायर की थी।
जिला न्यायाधीश, संगरूर की अदालत में तलाक की याचिका लंबित थी। आवेदक महिला ने कहा कि उसे संगरूर में किसी वकील की सेवाएं प्राप्त करना मुश्किल लग रहा था, क्योंकि प्रतिवादी के पिता संगरूर में एक प्रभावशाली वरिष्ठ वकील थे। तदनुसार, उसने पटियाला से एक वकील की सेवाएं लीं और इस संबंध में उसने अपने वकील की सुविधा के लिए केस को पटियाला में स्थानांतरित करने की मांग की।
इस मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने कहा, "केवल इसलिए कि प्रतिवादी के पिता संगरूर में एक वरिष्ठ अधिवक्ता हैं इसका मतलब यह नहीं है कि वह न्यायिक कार्यवाही में हस्तक्षेप करने में सक्षम हैं या ऐसा करेंगे।"
फिर भी अदालत ने आवेदक या आवेदक का प्रतिनिधित्व करने वाले को निर्देश दिया कि अगर वे किसी भी प्रकार की शारीरिक हानि की आशंका जताते हैं, वे कानूनी प्रवर्तन एजेंसी से सुरक्षा की मांग करें।