फाइबरनेट घोटाला मामले में चंद्रबाबू नायडू की शुक्रवार तक कोई गिरफ्तारी नहीं, सुप्रीम कोर्ट ने अग्रिम जमानत पर सुनवाई स्थगित की
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को राज्य में फाइबरनेट घोटाले में अग्रिम जमानत के लिए आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री नारा चंद्रबाबू नायडू की याचिका की सुनवाई स्थगित कर दी। कोर्ट ने साथ ही चंद्रबाबू नायडू को आश्वासन दिया कि उन्हें इस मामले के संबंध में विभाग द्वारा प्रोडक्शन वारंट जारी किए जाने के बावजूद राज्य अपराध जांच विभाग द्वारा गिरफ्तार नहीं किया जाएगा।
जस्टिस अनिरुद्ध बोस और जस्टिस बेला एम त्रिवेदी की पीठ आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट के उस आदेश के खिलाफ नायडू की विशेष अनुमति याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें इस सप्ताह की शुरुआत में उन्हें अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया गया था।
पिछली सुनवाई में अदालत ने न नोटिस जारी किया और नायडू की आसन्न गिरफ्तारी पर आशंका जताई जाने के बाद अदालत ने आंध्र प्रदेश राज्य पुलिस को 'अपने हाथ रोकने' के लिए भी कहा।
सीनियर एडवोकेट सिद्धार्थ लूथरा ने बताया था कि सोमवार, 16 अक्टूबर को फाइबरनेट मामले के संबंध में नायडू को पेश करने के लिए वारंट जारी किया गया है।
अदालत के आग्रह पर अपराध जांच विभाग की ओर से सीनियर एडवोकेट मुकुल रोहतगी ने आश्वासन दिया कि नायडू को बुधवार, 18 अक्टूबर तक गिरफ्तार नहीं किया जाएगा। आज की सुनवाई के दौरान सुनवाई होने के बाद इस व्यवस्था को शुक्रवार, 20 अक्टूबर तक बढ़ा दिया गया। समय की कमी के आधार पर स्थगित कर दिया गया।
कौशल विकास मामले में पूर्व मुख्यमंत्री की याचिका खारिज करने की सुनवाई करते हुए जस्टिस बोस ने आज लूथरा से कहा, "चलिए इसे खत्म करते हैं, हम दूसरे मामले की सुनवाई शुक्रवार को करेंगे।"
तेलुगु देशम पार्टी के अध्यक्ष और आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री नारा चंद्रबाबू नायडू पर राज्य में टीडीपी कार्यकाल के दौरान हुए एपी फाइबरनेट घोटाले में 'मुख्य भूमिका' निभाने का आरोप लगाया गया है। एपी अपराध जांच विभाग (सीआईडी) ने उन पर एक निश्चित कंपनी का पक्ष लेने के लिए अधिकारियों पर दबाव डालने का आरोप लगाया है, जिसे आवश्यक योग्यताओं की कथित कमी के बावजूद फाइबरनेट अनुबंध से सम्मानित किया गया था।