केंद्र स्पष्ट करे, क्या देश भर में NRC होगा? IUMLने सुप्रीम कोर्ट में अर्ज़ी देकर सरकार को निर्देश देने की मांग की

Update: 2020-01-16 06:38 GMT

इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (IUML) ने सुप्रीम कोर्ट में एक अर्जी दाखिल कर केंद्र सरकार को यह स्पष्ट करने का निर्देश देने की मांग की है कि क्या देश का व्यापक नागरिक रजिस्टर (NRC) तैयार किया जाएगा और क्या यह राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) के साथ जुड़ा हुआ है?

उन्होंने 10 जनवरी की अधिसूचना पर रोक लगाने के लिए एक और आवेदन दायर किया है, जिस अधिसूचना में नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019 (सीएए) को लागू किया गया।

इन आवेदनों को सीएए की वैधता को चुनौती देने वाली आईयूएमएल द्वारा दायर रिट याचिका में अंतरिम दिशा-निर्देश मांगते हुए दायर किया गया है।

आवेदन विभिन्न अवसरों पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा दिए गए कथनों का उल्लेख करते हैं कि CAA, NRC की ओर पहली प्रक्रिया है। राज्य सभा में राज्य मंत्री किरन रिजिजू द्वारा दिए गए बयान में कहा गया है कि एनपीआर, एनआरसी की ओर पहला कदम है।

आवेदन में आगे कहा गया है कि प्रधानमंत्री, गृहमंत्री और केंद्रीय कानून मंत्री ने बाद में NRC की योजनाओं को नकारने वाले बयान दिए हैं और NPR और NRC के बीच लिंक से भी इनकार किया है। ये बयान सीएए और एनआरसी के खिलाफ देशव्यापी विरोध प्रदर्शन के मद्देनजर किए गए थे।

आवेदन कहा गया कि,

"केंद्रीय मंत्रियों द्वारा दिए गए इस तरह के विरोधाभासी बयान बड़े पैमाने पर लोगों में भ्रम और घबराहट पैदा कर रहे हैं। इसलिए प्रतिवादियों को अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए और उक्त NRC और NPR प्रक्रिया के संबंध में किसी भी कार्यवाही को तब तक रोकना चाहिए जब तक कि वर्तमान रिट माननीय न्यायालय के समक्ष लंबित है।"

IAMLही CAA के खिलाफ शीर्ष अदालत का रुख करने वाली पहली पार्टी थी। सुप्रीम कोर्ट में 22 जनवरी को विवादास्पद कानून के खिलाफ लगभग 60 याचिकाएं पर सुनवाई होगी।   

आवेदन की प्रति डाउनलोड करने के लिए यहां क्लिक करेंं





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