सीबीएसई की कक्षा 12वीं की परीक्षा: सुप्रीम कोर्ट इम्प्रूवमेंट एग्जाम में फेल होने या कम अंक मिलने पर मूल परिणाम बनाए रखने की मांग वाली छात्रों की याचिका पर 6 दिसंबर को सुनवाई करेगा
सुप्रीम कोर्ट ने आज 12वीं कक्षा के उन छात्रों द्वारा दायर एक रिट याचिका को स्थगित किया, जिन्हें या तो फेल घोषित कर दिया गया था या इम्प्रूवमेंट एग्जाम में बहुत कम अंक दिए गए थे, जिसमें सीबीएसई को निर्देश जारी करने की मांग की गई थी कि वे अपने मूल परिणाम (Original result)को रद्द न करें, जिसमें उन्हें पास घोषित किया गया है।
सीबीएसई के वकील द्वारा निर्देश प्राप्त करने के लिए समय मांगे जाने के बाद जस्टिस एएम खानविलकर और सीटी रविकुमार की पीठ ने मामले को 6 दिसंबर तक के लिए टाल दिया।
सीबीएसई के वकील ने यह कहते हुए समय मांगा कि उन्हें कल शाम (रविवार) को ही कॉपी दी गई थी।
इससे पहले शीर्ष अदालत ने छात्रों की ओर से पेश अधिवक्ता ममता शर्मा को सीबीएसई और केंद्रीय एजेंसी (मानव संसाधन विकास मंत्रालय) के सरकारी वकील को अग्रिम प्रति देने का निर्देश दिया था।
याचिका में सुधार परीक्षा के परिणाम के बजाय याचिकाकर्ताओं के मूल परिणाम बनाए रखने के लिए सीबीएसई को निर्देश जारी करने की भी मांग की गई थी।
याचिका में यह तर्क दिया गया है कि छात्रों को आशंका है कि सीबीएसई द्वारा 17 जून, 2021 की मूल्यांकन नीति के खंड 28 के आधार पर सीबीएसई द्वारा घोषित उनके मूल परिणाम को रद्द कर दिया जाएगा, जिसमें उन्हें पास घोषित किया गया है।
उक्त खंड के अनुसार,
"जो छात्र नीति के आधार पर किए गए मूल्यांकन से संतुष्ट नहीं हैं, उन्हें अनुकूल परिस्थितियों में बोर्ड द्वारा आयोजित परीक्षाओं में बैठने का अवसर दिया जाएगा। इस नीति के अनुसार बाद की परीक्षा में प्राप्त अंकों को अंतिम माना जाएगा।"
इस संबंध में छात्रों ने तर्क दिया है कि यह खंड सीबीएसई के अपने अन्य परिपत्रों और निम्नलिखित कारणों से छात्रों को दी गई प्रतिक्रियाओं के विपरीत है;
- सीबीएसई का 16 मार्च, 2021 का परिपत्र जिसके अनुसार परिणाम की अंतिम घोषणा के लिए विषय में प्राप्त दो अंकों में से बेहतर पर विचार किया जाना था और जो उम्मीदवार अपने प्रदर्शन में इम्प्रूवमेंट करेंगे, उन्हें संयुक्त अंक पत्र जारी किया जाना था।
- 29 सितंबर, 2021 की प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि 34317 छात्र इम्प्रूवमेंट के उद्देश्य से ऑफ़लाइन परीक्षा में उपस्थित हुए और खंड 3 के अनुसार नियमित श्रेणी के उम्मीदवार को पहले ही पास घोषित कर दिया गया और उनके प्रदर्शन में सुधार के उद्देश्य से इस परीक्षा में शामिल हुए।
- सीबीएसई की 11 अक्टूबर, 2021 की ईमेल प्रतिक्रियाएं, जिसके अनुसार नई मार्कशीट मान्य है और 20 नवंबर, 2021 जिसके अनुसार इम्प्रूवमेंट के मामले में दोनों मार्कशीट मान्य हैं। आप किसी एक का उपयोग कर सकते हैं।
याचिका में यह तर्क दिया गया कि सीबीएसई अपने निम्नलिखित उपनियमों का पालन करने के लिए बाध्य है और सीबीएसई एंड अन्य बनाम ममता शर्मा मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा प्रतिपादित 30:30:40 के फार्मूले को लागू करके पहले ही उत्तीर्ण घोषित छात्रों के अधिकार को नहीं खो सकता है।
याचिका एडवोकेट ममता शर्मा द्वारा तैयार की गई और एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड रवि प्रकाश द्वारा दायर की गई है।
केस का शीर्षक: सुकृति एंड अन्य बनाम सीबीएसई एंड अन्य