सुप्रीम कोर्ट ने सितंबर 2020 में होने वाली राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (NEET) और संयुक्त प्रवेश परीक्षा (JEE) को स्थगित करने की याचिका खारिज कर दी है।
पीठ की अध्यक्षता कर रहे जस्टिस अरुण मिश्रा ने कहा कि परीक्षा स्थगित करने से छात्रों का करियर संकट में आ जाएगा।
जस्टिस अरुण मिश्रा ने याचिकाओं को खारिज करते हुए कहा,
" जीवन को COVID-19 में भी आगे बढ़ना चाहिए। क्या हम सिर्फ परीक्षा रोक सकते हैं? हमें आगे बढ़ना चाहिए।"
जस्टिस मिश्रा ने पूछा,
"अगर परीक्षा नहीं हुई तो क्या यह देश के लिए नुकसान नहीं होगा? छात्र शैक्षणिक वर्ष खो देंगे।"
जस्टिस मिश्रा ने कहा,
"क्या आप यह मांग नहीं कर रहे हैं कि न्यायालय को फिर से खोलना चाहिए? फिर परीक्षा को सावधानी से क्यों नहीं आयोजित किया जा सकता है?"
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने NTA की ओर से पेश होकर कहा कि परीक्षा आयोजित की जानी चाहिए और पर्याप्त सावधानी बरती जाएगी।
जब याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश अधिवक्ता अलख आलोक श्रीवास्तव ने प्रस्तुत किया कि COVID-19 का जोखिम बढ़ रहा है, और सीए परीक्षा, सीएलएटी आदि जैसे कई अन्य परीक्षाओं को रद्द कर दिया गया है, जस्टिस मिश्रा ने उनसे पूछा कि " आप यह कैसे मान सकते हैं कि अधिकारी स्थिति से वाकिफ नहीं हैं।"
अधिवक्ता अलख ने प्रस्तुत किया कि COVID -19 के लिए जल्द ही वैक्सीन आने की संभावना है। यहां तक कि प्रधानमंत्री ने 15 अगस्त के अपने भाषण में इसके बारे में कहा है। उन्होंने परीक्षा को अनिश्चितकालीन स्थगित करने की मांग नहीं की, लेकिन कुछ समय के लिए स्थगित करने को कह रहे हैं, उन्होंने स्पष्ट किया।
हालांकि, पीठ ने इन प्रस्तुतियों को नहीं माना और कहा कि यह अधिकारियों द्वारा लिए गए नीतिगत निर्णय में हस्तक्षेप नहीं करेगी।
पीठ ने कहा कि सॉलिसिटर जनरल की प्रस्तुति को रिकॉर्ड में लिया गया है कि परीक्षा पर्याप्त सावधानी के साथ आयोजित की जाएगी।
दरअसल 11 राज्यों के ग्यारह छात्रों द्वारा दायर याचिका में कहा गया है कि 1 सितंबर से 6 सितंबर तक ऑनलाइन मोड के माध्यम से JEE (मुख्य) और NEET UG -2020 को ऑफलाइन मोड के माध्यम से 13 सितंबर को पूरे भारत में 161 केंद्रों पर आयोजित करने का निर्णय "पूरी तरह से मनमाना, सनकभरा और लाखों प्रभावित छात्रों के जीवन के मौलिक अधिकार का उल्लंघन है। "(सायनतन विश्वास और अन्य बनाम राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी और अन्य)
याचिका कहती है कि इंस्टीट्यूशन ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (ICAI) ने COVID-19 जोखिम का हवाला देते हुए CA की परीक्षा रद्द कर दी है। CBSE / ICSE / ISC की शेष परीक्षाओं को भी रद्द कर दिया गया है। कॉमन लॉ एडमिशन एंट्रेंस टेस्ट (CLAT) और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओपन स्कूल की परीक्षाएं भी स्थगित कर दी गई हैं। इसलिए याचिकाकर्ता उक्त परीक्षाओं में समानता चाहते हैं।
"सितंबर, 2020 के महीने में JEE (मुख्य) अप्रैल -2020 और NEET UG-2020 परीक्षा में लाखों युवा छात्रों के शामिल होने की संभावना है। इस बीच, भारत में COVID -19 मामले खतरनाक दर से बढ़ रहे हैं। घातक महामारी COVID-19 भारत में पहले से ही लगभग 20 लाख लोगों को प्रभावित कर चुकी है और हर गुजरते दिन से स्थिति बिगड़ती जा रही है। ऐसे खतरनाक समय में पूरे भारत में उक्त परीक्षा आयोजित करना और कुछ नहीं बल्कि लाखों युवा छात्रों (याचिकाकर्ताओं सहित) के जीवन को प्रभावित कर रहा है जिसमें '' बीमारी और मृत्यु का अत्यधिक खतरा है, " अधिवक्ता अलख आलोक श्रीवास्तव ने दायर याचिका में कहा था।