आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस न्यायिक व्यवस्था में बहुत आवश्यक : मुख्य न्यायाधीश बोबडे

Update: 2020-01-25 16:54 GMT

शुक्रवार को आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण के 79 वें स्थापना दिवस पर बोलते हुए मुख्य न्यायाधीश शरद अरविंद बोबडे ने न्यायिक कामकाज में टेक्नोलॉजी और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के उपयोग के महत्व पर बल दिया।

उन्होंने बताया कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सिस्टम को अदालतों के कामकाज में अपनाने का प्रस्ताव दिया गया था, जिसमें प्रति सेकंड दस लाख कैरेक्टर को पढ़ने की गति थी। उन्होंने कहा, इसे डॉकेट प्रबंधन में इस्तेमाल किया जा सकता है और "सभी प्रासंगिक तथ्यों को पढ़ने और उनका अर्थ निकाल कर प्रभाव की गणना करने में भी इसका उपयोग किया जा सकता है। उन्होंने अन्य स्थानों के मामलों के निपटान के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग का उपयोग करने के लिए ट्रिब्यूनल की भी सराहना की।

उन्होंने कहा, "अच्छे बुनियादी ढांचे के लिए स्वस्थ दिमाग के लिए स्वस्थ शरीर पूर्व आवश्यकता की तरह है। यह बिल्कुल जरूरी है कि अच्छे काम के लिए अनुकूल माहौल हो और आपको अपने कौशल को लगातार अपडेट करना होगा।" उन्होंने टिप्पणी की।

उन्होंने कहा कि अधिक से अधिक राष्ट्र अपने संबंधित न्याय वितरण प्रणाली में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को प्रयोग करने और लागू करने की दिशा में कदम उठा रहे हैं।

मुख्य न्यायाधीश बोबडे ने कहा कि करों का भुगतान नहीं करने समान ही अत्यधिक कर भी हानिकारक है। इसके अलावा उन्होंने ITAT को सलाह दी कि वो फैसला लेने के दोहराव वाले क्षेत्रों के लिए AI का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया। "AI डॉकिट प्रबंधन और निर्णय लेने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है, जो कि हमेशा के लिए समान है लेकिन यह कभी भी मानव विवेक को प्रतिस्थापित नहीं कर सकता है," मुख्य न्यायाधीश ने कहा। 

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