कोर्ट कर्मचारी ने की अधिवक्ता की शिकायत, हाईकोर्ट ने नोटिस जारी किया, क्यों न अदालत में प्रवेश करने से वंचित कर दिया जाए

Update: 2019-10-03 06:13 GMT

हाईकोर्ट के कर्मचारी द्वारा शिकायत पर संज्ञान लेते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक अधिवक्ता को कारण बताओ नोटिस जारी करके कहा कि है कि क्यों न उन्हें अदालत परिसर में प्रवेश करने से रोका दिया जाए। अधिवक्ता पर आरोप है कि उन्होंने कोर्ट के कर्मचारी को धमकी दी और उसके खिलाफ अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल किया था। कोर्ट कर्मचारी ने इस मामले की शिकायत हाईकोर्ट से की थी।

न्यायमूर्ति सुनीत कुमार ने कहा,

"मेरे कर्मचारियों द्वारा सूचित किया गया है कि श्री आकाश मणि त्रिपाठी, एडवोकेट, जो कि तत्काल रिट याचिका में याचिकाकर्ता के लिए उपस्थित हुए थे, उन्होंने आज मेरी अनुपस्थिति में मेरे कार्यालय में कर्मचारियों से संपर्क किया था और अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल किया और कर्मचारियों को कोर्ट परिसर के बाहर गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी ।"

एडवोकेट आकाश मणि त्रिपाठी कथित रूप से इसलिए दुखी थे क्योंकि उनके मुवक्किल, पद्माकर त्रिपाठी की ओर से दायर याचिका का आदेश अपलोड नहीं किया गया था। पद्माकर त्रिपाठी एक स्कूल में सहायक शिक्षक के पद पर कार्यरत हैं और हाई स्कूल एंड इंटरमीडिएट कॉलेज (शिक्षकों और अन्य कर्मचारियों के वेतन का भुगतान) एक्ट, 1971 के तहत अपनी पगार से संबंधित केस में हाईकोर्ट आए थे।

इस संबंध में, न्यायमूर्ति कुमार ने देखा,

"नियम के अनुसार अदालतों की कार्यवाही या आदेशों से संबंधित चेम्बरों में किसी का दखल स्वीकार नहीं किया जाता है। कर्मचारियों को धमकी देने में श्री त्रिपाठी का आचरण एक अधिवक्ता का असंतुलित होना है।"

उन्होंने इसलिए एडवोकेट को कारण बताओ नोटिस जारी किया और उन्हें जवाब देने के लिए कहा कि उन्हें अदालत परिसर में प्रवेश से वंचित क्यों नहीं होना चाहिए। नोटिस का लंबित निपटान 18 अक्टूबर को किया जाएगा। 



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