पटना हाईकोर्ट के पात्र वकीलों को सीनियर एडवोकेट डेजिग्नेट किये जाने की मांग को लेकर वकील पहुंचा सुप्रीम कोर्ट

Update: 2021-02-11 05:36 GMT

पटना हाईकोर्ट के पात्र वकीलों को सीनियर एडवोकेट डेजिग्नेट करने का परमादेश जारी करने संबंधी एक याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर की गयी है। याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित दिशानिर्देशों और पटना हाईकोर्ट द्वारा बनाये गये नियमों की पृष्ठभूमि में पात्र वकीलों को सीनियर एडवोकेट के तौर पर डेजिग्नेट करने के आदेश का अनुरोध किया है।

याचिका में यह मुद्दा उठाया गया है कि पटना हाईकोर्ट में पिछले पांच साल से अधिक समय से कोई भी वकील सीनियर एडवोकेट डेजिग्नेट नहीं किया गया है, जो 'इंदिरा जयसिंह बनाम सुप्रीम कोर्ट (2017)' मामले में शीर्ष अदालत द्वारा निर्धारित मानकों और दिशानिर्देशों का उल्लंघन है।

वकील संजय कुमार की ओर से एडवोकेट सूरज समदर्शी द्वारा तैयार की गयी और एडवोकेट पंकज भगत द्वारा दायर की गयी याचिका में कहा गया है, "अपने स्वभाव के अनुरूप आदमी अपने जीवन में किये गये कार्यों की पहचान चाहता है। इस मानव स्वभाव को समाज द्वारा पुरातन काल से पहचान मिली हुई है और व्यक्ति के कार्यक्षेत्र में उत्कृष्ट उपलब्धियों को पहचान दिलाने के लिए कई प्रकार के औपचारिक और अनौपचारिक रास्ते अख्तियार किये गये हैं।"

याचिका में कहा गया है कि ऐतिहासिक विरासत के कारण भारतीय न्यायपालिका ब्रिटेन से विरासत में प्राप्त सामान्य कानूनी परम्पराओं और प्रणाली का अनुसरण करती है। इसलिए अधिवक्ता अधिनियम, 1961 की धारा 16 में दो प्रकार के अधिवक्ताओं का वर्णन है - 'सीनियर एडवोकेट' और 'अन्य एडवोकेट।' सीनियर एडवोकेट के रूप में मनोनयन के लिए तीन शर्तें शामिल हैं- (i) योग्यता (ii) स्टैंडिंग ऐट बार (iii) कानून की विशेष जानकारी या अनुभव।

विभिन्न हाईकोर्ट द्वारा अपनाये गये अलग अलग मानकों को लेकर उत्पन्न विवाद का निपटारा 'इंदिरा जयसिंह' मामले में किये जाने का संदर्भ देते हुए याचिका में दलील दी गयी है कि "पिछले पांच साल से पटना हाईकोर्ट में सीनियर एडवोकेट डेजिग्नेट न होने के कारण इस हाईकोर्ट में प्रैक्टिस करने वाले पात्र वकील बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। साथ ही यह सुप्रीम कोर्ट द्वारा इस मामले में निर्धारित दिशानिर्देशों का भी उल्लंघन है।"

उपरोक्त दलीलों के आलोक में, पटना हाईकोर्ट के पात्र वकीलों को सुप्रीम कोर्ट द्वारा तय दिशानिर्देशों और इस हाईकोर्ट द्वारा तैयार नियमों [ पटना (डेजिग्नेशन ऑफ सीनियर एडवोकेट्स) रूल्स, 2019 ] के अनुरूप सीनियर एडवोकेट डेजिग्नेट करने का निर्देश संबंधित प्रतिवादियों को देने की मांग की गयी है।

याचिका में पटना हाईकोर्ट द्वारा सीनियर एडवोकेट डेजिग्नेट किये जाने को लेकर वकीलों के नाम आमंत्रित किये जाने संबंधी एक जुलाई 2019 को जारी किये गये नोटिस के आलोक में 19 अगस्त 2019 को प्रकाशित सूची में शामिल वकीलों को सीनियर एडवोकेट डेजिग्नेट किये जाने का आदेश जारी करने का अनुरोध किया गया है।

याचिका की कॉपी यहां पढ़ें:



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