ममता की बनावटी तस्वीर : प्रियंका शर्मा की रिहाई में देरी पर SC ने ममता सरकार को जारी किया अवमानना नोटिस

Update: 2019-07-01 10:16 GMT

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की बनावटी तस्वीर को कथित तौर पर सोशल मीडिया पर पोस्ट करने पर गिरफ्तार भाजपा की युवा विंग की नेता प्रियंका शर्मा की रिहाई में देरी करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार को अवमानना नोटिस जारी किया है।

4 हफ्ते में देना होगा जवाब

चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली 3 जजों की पीठ ने प्रियंका शर्मा की अर्जी पर नोटिस जारी कर 4 हफ्ते में जवाब दाखिल करने को कहा है।

अर्जी के अनुसार बनता है अवमानना का मामला
अर्जी में यह कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को 14 मई को यह आदेश जारी किया था कि वो प्रियंका को तुरंत रिहा करे, लेकिन राज्य सरकार ने इसमें देरी की और उन्हें अगले दिन रिहा किया। ये सीधे-सीधे अवमानना का मामला बनता है।

"प्रिंयका को अदालत के आदेश के बावजूद जेल से नहीं किया गया रिहा"

दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने 15 मई को नेता प्रियंका शर्मा की गिरफ्तारी को "पहली नजर में मनमाना" करार दिया था। दरअसल शर्मा के भाई के वकील ने इस मामले को वेकेशन बेंच के सामने मेंशन किया था और बताया कि 14 मई को अदालत के आदेश के बावजूद प्रियंका को जेल से रिहा नहीं किया गया।

पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से दिया गया तर्क
हालांकि पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से पेश वकील द्वारा जस्टिस इंदिरा बनर्जी और जस्टिस संजीव खन्ना की पीठ को यह बताया गया था कि शर्मा को 15 मई को सुबह लगभग 9:40 बजे जेल से रिहा किया गया। पीठ ने कहा था कि वो इस मामले में अवमानना की कार्रवाही शुरू कर सकती है।

पीठ ने जारी किया था रिहा करने का आदेश

पीठ ने तब शर्मा के भाई राजीव शर्मा का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील से पूछा था कि उन्हें जेल से रिहा किया गया है या नहीं। कुछ मिनटों के बाद ही वकील ने अदालत को यह अवगत कराया कि उसे जेल से रिहा कर दिया गया है। दरअसल 14 मई को सुप्रीम कोर्ट ने प्रियंका शर्मा को तुरंत रिहा करने के आदेश दिए थे और इसके बाद लिखित माफी मांगने को कहा था। 

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