व्हाट्सएप ने सुप्रीम कोर्ट को बताया, 'भुगतान सेवा' केवल ट्रायल पर, SC ने कहा, हमारे हाथ पर्याप्त लंबे हैं

Update: 2019-05-04 08:35 GMT

व्हाट्सएप ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट को यह सूचित किया कि मोबाइल एप्लिकेशन के माध्यम से `भुगतान सेवा 'शुरू करने का उसका प्रस्ताव केवल ट्रायल रन पर है और भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा निर्धारित मानदंडों के अनुपालन के बाद ही उनके द्वारा इसे भारत में लॉन्च किया जाएगा।

भुगतान सेवा को याचिका के माध्यम दे मिली चुनौती
वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल और अरविंद पी. दातार ने आरबीआई के मानदंडों का पालन किए बिना व्हाट्सएप की `भुगतान सेवा' को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई के दौरान जस्टिस रोहिंटन नरीमन और जस्टिस विनीत नारायण की पीठ के समक्ष यह आश्वासन दिया।

वकीलों ने कहा कि इसकी भुगतान सेवा ट्रायल रन पर है और जुलाई में लॉन्च होने से पहले सभी मानदंडों का पालन किया जाएगा, जब ट्रायल रन पूरा हो जाएगा। वहीं RBI की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि व्हाटसएप पे सेवा बिना RBI की मंजूरी के शुरू नहीं की जा सकती। इस पर पीठ ने कहा, "चिंता मत कीजिए, हमारे हाथ पर्याप्त लंबे हैं।"

व्हाट्सएप पे होगा UPI पर केंद्रित
दरअसल व्हाटसएप पे को नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ़ इंडिया (NPCI) द्वारा बनाए गए यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) पर चलाने के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह उपयोगकर्ताओं को अपने बैंक खातों के माध्यम से सूक्ष्म भुगतान के लिए भी उपयोगकर्ता से उपयोगकर्ता और व्यापारिक लेनदेन करने की अनुमति देता है।

व्हाट्सएप पर करों का भुगतान न करने का आरोप
दरअसल एक गैर-सरकारी संगठन सेंटर फॉर एकाउंटेबिलिटी एंड सिस्टमिक चेंज ने प्रस्तुत किया था कि उसने व्हाट्सएप के खिलाफ स्थानीय स्तर पर करों का भुगतान नहीं करने और केंद्रीय बैंक द्वारा अनिवार्य डेटा स्थानीयकरण योजना के बिना भारत में भुगतान सेवा शुरू करने के प्रस्ताव सहित कई शिकायतें दर्ज की थीं।

व्हाट्सएप के खिलाफ अन्य शिकायतें
उसने भारत में एक शिकायत अधिकारी नियुक्त करने में व्हाट्सएप की विफलता को अदालत के ध्यान में लाया और कहा कि हालांकि अमेरिका में व्हाट्सएप द्वारा एक ऐसे अधिकारी को नियुक्त किया गया है। एनजीओ ने दावा किया कि भारत के लिए कोई शिकायत अधिकारी अमेरिका में नियुक्त नहीं हो सकता।

याचिकाकर्ता ने व्हाट्सएप को भारत में एक शिकायत अधिकारी नियुक्त करने और भारत में कर कानूनों और अन्य कानूनों का पालन करने के लिए निर्देश देने की मांग की है।

आपको बताते चलें कि व्हाट्सएप द्वारा भारत के लिए शिकायत अधिकारी नियुक्त किया गया था। दरअसल, कंपनी ने व्हाट्सएप के ग्‍लोबल कस्‍टमर ऑपरेशंस की सीनियर डायरेक्‍टर कोमल लाहिरी को शिकायत अधिकारी नियुक्त किया था। कंपनी ने यह भी बताया था कि कोमल लाहिरी कैलिफोर्निया में अपने मेनलो पार्क कार्यालय से ही काम करेंगी। इसी को लेकर मौजूदा याचिका में सवाल उठाए गए।

याचिकाकर्ता ने कहा कि व्हाट्सएप को अपनी भुगतान सेवाओं और अन्य सेवाओं के साथ "बिना किसी जांच के" जारी रखने की अनुमति दी जा रही है। उसने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक की यह अधिसूचना में कहा गया है कि भारत में भुगतान सेवा चलाने के लिए एक कंपनी को भारत में अपने कार्यालय और भुगतान करने होंगे। इस नियम का त्वरित संदेश सेवा कंपनी द्वारा उल्लंघन लगता है क्योंकि यह एक विदेशी कंपनी है जिसका भारत में कोई कार्यालय या सर्वर नहीं है।

याचिका के अनुसार भारत में व्हाट्सएप के 20 करोड़ से अधिक सक्रिय उपयोगकर्ता हैं और फिर भी, संदेश सेवा की भारत में उपयोगकर्ताओं के लिए कोई शिकायत निवारण शाखा नहीं है। आगे कहा गया है कि भारत में सबसे बड़ा मैसेजिंग मंच होने के बावजूद व्हाट्सएप काफी हद तक अनियंत्रित है और यहां कानून का अनुपालन नहीं किया जाता। गौरतलब है कि कोर्ट ने मामले को जुलाई में आगे की सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर दिया।

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