व्हाट्सएप ने सुप्रीम कोर्ट को बताया, 'भुगतान सेवा' केवल ट्रायल पर, SC ने कहा, हमारे हाथ पर्याप्त लंबे हैं
व्हाट्सएप ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट को यह सूचित किया कि मोबाइल एप्लिकेशन के माध्यम से `भुगतान सेवा 'शुरू करने का उसका प्रस्ताव केवल ट्रायल रन पर है और भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा निर्धारित मानदंडों के अनुपालन के बाद ही उनके द्वारा इसे भारत में लॉन्च किया जाएगा।
वकीलों ने कहा कि इसकी भुगतान सेवा ट्रायल रन पर है और जुलाई में लॉन्च होने से पहले सभी मानदंडों का पालन किया जाएगा, जब ट्रायल रन पूरा हो जाएगा। वहीं RBI की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि व्हाटसएप पे सेवा बिना RBI की मंजूरी के शुरू नहीं की जा सकती। इस पर पीठ ने कहा, "चिंता मत कीजिए, हमारे हाथ पर्याप्त लंबे हैं।"
याचिकाकर्ता ने व्हाट्सएप को भारत में एक शिकायत अधिकारी नियुक्त करने और भारत में कर कानूनों और अन्य कानूनों का पालन करने के लिए निर्देश देने की मांग की है।
आपको बताते चलें कि व्हाट्सएप द्वारा भारत के लिए शिकायत अधिकारी नियुक्त किया गया था। दरअसल, कंपनी ने व्हाट्सएप के ग्लोबल कस्टमर ऑपरेशंस की सीनियर डायरेक्टर कोमल लाहिरी को शिकायत अधिकारी नियुक्त किया था। कंपनी ने यह भी बताया था कि कोमल लाहिरी कैलिफोर्निया में अपने मेनलो पार्क कार्यालय से ही काम करेंगी। इसी को लेकर मौजूदा याचिका में सवाल उठाए गए।
याचिकाकर्ता ने कहा कि व्हाट्सएप को अपनी भुगतान सेवाओं और अन्य सेवाओं के साथ "बिना किसी जांच के" जारी रखने की अनुमति दी जा रही है। उसने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक की यह अधिसूचना में कहा गया है कि भारत में भुगतान सेवा चलाने के लिए एक कंपनी को भारत में अपने कार्यालय और भुगतान करने होंगे। इस नियम का त्वरित संदेश सेवा कंपनी द्वारा उल्लंघन लगता है क्योंकि यह एक विदेशी कंपनी है जिसका भारत में कोई कार्यालय या सर्वर नहीं है।
याचिका के अनुसार भारत में व्हाट्सएप के 20 करोड़ से अधिक सक्रिय उपयोगकर्ता हैं और फिर भी, संदेश सेवा की भारत में उपयोगकर्ताओं के लिए कोई शिकायत निवारण शाखा नहीं है। आगे कहा गया है कि भारत में सबसे बड़ा मैसेजिंग मंच होने के बावजूद व्हाट्सएप काफी हद तक अनियंत्रित है और यहां कानून का अनुपालन नहीं किया जाता। गौरतलब है कि कोर्ट ने मामले को जुलाई में आगे की सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर दिया।