जस्टिस कुरैशी ने त्रिपुरा हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्यभार संभाला

Update: 2019-11-16 18:59 GMT

शपथ ग्रहण समारोह के बाद न्यायमूर्ति अकिल अब्दुल हमीद कुरैशी ने शनिवार को त्रिपुरा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्यभार संभाला।

वह मुख्य न्यायाधीश संजय करोल की जगह लेंगे, जिन्हें हाल ही में पटना उच्च न्यायालय में स्थानांतरित किया गया है।

केंद्र ने न्यायमूर्ति कुरैशी की नियुक्ति की अधिसूचना 30 अक्टूबर को उच्चतम न्यायालय कॉलेजियम द्वारा की गई सिफारिश के आधार पर 30 अधिसूचित की थी। जस्टिस कुरैशी को 10 मई को मध्य प्रदेश के मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्त करने के के लिए प्रस्ताव भेजा गया था, जिसे बाद में संशोधित किया गया और उनकी सिफारिश त्रिपुरा हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के रूप में की गई।

सिफारिश में हुआ था संशोधन

दरअसल सुप्रीम कोर्ट में तीन जजों के कॉलेजियम ने केंद्र सरकार द्वारा भेजी रिपोर्ट और तथ्यों के आधार पर अपनी सिफारिश में संशोधन करते हुए जस्टिस कुरैशी को मध्य प्रदेश की बजाए त्रिपुरा हाईकोर्ट का मुख्य न्यायाधीश बनाने की सिफारिश भेजी थी।

इससे पहले 27 अगस्त को केंद्र सरकार के कानून मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम को अपना जवाब भेज दिया था। केंद्र सरकार ने न्यायमूर्ति कुरैशी को प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश नियुक्त करने में असमर्थता जताई।

दरअसल 15 जुलाई को इस जनहित याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई के लिए तैयार हो गया था। ये सिफारिश सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने 10 मई को की थी। ये सिफारिश भी कॉलेजियम द्वारा उसी दिन की गई जिसके द्वारा न्यायमूर्ति डीएन पटेल की दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्ति को केंद्र द्वारा अधिसूचित किया गया था। 

जस्टिस कुरैशी के बारे में

गुजरात उच्च न्यायालय के एक वरिष्ठ न्यायाधीश जस्टिस कुरैशी को पिछले साल अक्टूबर में बॉम्बे उच्च न्यायालय में स्थानांतरित कर दिया गया था। उन्होंने 1983 में LL.B डिग्री करने के बाद गुजरात में एक वकील के रूप में दाखिला लिया। उन्हें मार्च 2004 में गुजरात उच्च न्यायालय के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया और 2005 में स्थायी न्यायाधीश बनाया गया।


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