डॉक्टरों की हड़ताल : कलकत्ता हाई कोर्ट ने आदेश जारी करने से किया इनकार, ममता सरकार को हल निकालने को कहा
कलकत्ता उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को एक मरीज के परिवार के सदस्यों द्वारा 2 जूनियर डॉक्टरों पर हमले के विरोध में राज्य के अस्पतालों में डॉक्टरों द्वारा हड़ताल पर कोई भी अंतरिम आदेश पारित करने से इनकार कर दिया। राज्य के सरकारी अस्पतालों में बीते 3 दिनों से डॉक्टरों की हड़ताल चल रही है।
"राज्य सरकार करे हडताल पर बैठे डॉक्टरों से बातचीत"
मुख्य न्यायाधीश टी. बी. एन. राधाकृष्णन और न्यायमूर्ति सुव्रा घोष की पीठ ने राज्य सरकार से हड़ताल कर रहे डॉक्टरों को काम फिर से शुरू करने और रोगियों को सामान्य सेवाएं प्रदान करने के लिए बातचीत करने को कहा है।
"सरकार उठाये गए कदमों से कराए अदालत को अवगत"
अदालत ने ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली पश्चिम बंगाल सरकार को यह निर्देश दिया है कि वह सोमवार रात शहर के एक अस्पताल में जूनियर डॉक्टरों पर हुए हमले के बाद उठाए गए कदमों से पीठ को अवगत कराए
मुख्य न्यायाधीश की पीठ ने डॉक्टरों को दिलाई शपथ की याद
मुख्य न्यायाधीश की पीठ ने एक जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान हड़ताल कर रहे डॉक्टरों को उस शपथ की याद भी दिलाई जो वे सभी रोगियों के कल्याण को सुनिश्चित करने के लिए लेते हैं। पीठ ने याचिका की आगे की सुनवाई के लिए 21 जून की तारीख तय की है।
हड़ताल में उठायी जा रही मांग
गौरतलब है कि कोलकाता के NRS मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में मरीज के परिजनों द्वारा 2 डॉक्टरों की बेरहमी से पिटाई के बाद मेडिकल कॉलेज और अस्पतालों में पर्याप्त सुरक्षा की मांग करते हुए पश्चिम बंगाल के सभी सरकारी अस्पतालों में जूनियर डॉक्टरों ने हड़ताल का आह्वान किया है।