एकनाथ शिंदे पर टिप्पणी मामले में कुणाल कामरा को गिरफ्तार न करें पुलिस: बॉम्बे हाईकोर्ट

बॉम्बे हाईकोर्ट ने मुंबई पुलिस को निर्देश दिया कि महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर कथित रूप से की गई व्यंग्यात्मक टिप्पणी और गद्दार शब्द के इस्तेमाल को लेकर दर्ज (FIR) में कॉमेडियन कुणाल कामरा को गिरफ्तार न किया जाए।
जस्टिस सरंग कोतवाल और जस्टिस श्रीराम मोडक की खंडपीठ ने कहा कि यदि पुलिस को कामरा का बयान दर्ज करना है तो उसे चेन्नई (विलुपुरम के पास, जहां कामरा रहते हैं) जाकर स्थानीय पुलिस की मदद लेनी चाहिए।
कोर्ट ने यह भी कहा कि यदि याचिका के लंबित रहने के दौरान चार्जशीट दायर की जाती है तो संबंधित अदालत को उसके संज्ञान में नहीं लेना चाहिए।
गौरतलब है कि खंडपीठ ने 16 अप्रैल को अपना फैसला सुरक्षित रखा था और कामरा को गिरफ्तारी से अंतरिम सुरक्षा दी थी। उस वक्त अदालत ने नोट किया था कि पुलिस ने उन्हें BNSS की धारा 35(3) के तहत समन जारी किया है, जो उन मामलों के लिए है, जहां गिरफ्तारी आवश्यक नहीं होती।
सीनियर एडवोकेट नवरोज़ सीरवई ने कामरा की ओर से तर्क दिया कि विवादित कॉमेडी वीडियो अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता (अनुच्छेद 19(1)(a)) के दायरे में आता है। यह उसके अपवादों में नहीं आता। उन्होंने कहा कि इस FIR का उद्देश्य आर्टिस्ट को सबक सिखाना है। यह राज्य द्वारा राजनीतिक दल के इशारे पर की गई कार्रवाई का उदाहरण है।
सीरवई ने इमरान प्रतापगढ़ी बनाम गुजरात राज्य (2025 LiveLaw (SC) 362) का हवाला दिया, जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की रक्षा पर जोर देते हुए पुलिस और अदालतों को ऐसे मामलों में अपने संवैधानिक कर्तव्यों की याद दिलाई थी।
सीरवई ने कहा,
“यह मूलतः एक व्यंग्यकार और स्टैंड-अप कॉमेडियन की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का मामला है। यदि सभी तथ्यों को सतही तौर पर भी लिया जाए तो भी कथित अपराध का कोई मामला नहीं बनता। कई फैसलों में यह स्पष्ट किया गया कि ऐसे कानूनों का इस्तेमाल उन लोगों के खिलाफ किया जाता है, जो असहज बातें कहने का साहस करते हैं।”
उन्होंने कहा कि पुलिस ने बिना उचित विवेक का प्रयोग किए जल्दीबाज़ी में FIR दर्ज की जबकि कथित मानहानि की शिकायत स्वयं एकनाथ शिंदे ने नहीं की थी। इसके अलावा, कामरा को शिवसेना कार्यकर्ताओं से जान से मारने की धमकियां मिलीं। फिर भी पुलिस ने उनकी व्यक्तिगत उपस्थिति की मांग की।
कामरा के कॉमेडी वीडियो के संदर्भ में उन्होंने कहा कि उसका उद्देश्य न तो भय फैलाना था और न ही किसी प्रकार की सार्वजनिक शांति भंग करना। वीडियो में शिवसेना में हुई फूट पर कामरा की निजी राय थी जो एक तथ्यात्मक मामला है।
सीरवई ने यह भी बताया कि कई राजनीतिक नेताओं जैसे अजीत पवार और उद्धव ठाकरे ने सार्वजनिक मंचों पर शिंदे को गद्दार कहा है, फिर भी उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई।
सीरवई ने कहा,
"लेकिन एक कॉमेडियन को कुचला जा रहा है, परेशान किया जा रहा है, डराया और प्रताड़ित किया जा रहा है ताकि बाकी कलाकारों को एक चेतावनी मिल सके अगर हमने कुछ पसंद नहीं किया, तो तुम्हारे साथ भी यही होगा।।”
उन्होंने यह भी कहा कि कामरा के शो "नया भारत" में भारतीय राजनीति में असहिष्णुता अरबपति वर्ग की भव्यता और भारतीय महिलाओं पर समाज द्वारा डाले गए पितृसत्तात्मक दबाव जैसे विषयों पर व्यंग्य किया गया।
राज्य सरकार का पक्ष:
मुख्य लोक अभियोजक हितेन वेनेगांवकर ने तर्क दिया कि यह कॉमेडी शो व्यंग्य नहीं था, बल्कि जानबूझकर टारगेट करने का मामला था। इसलिए अनुच्छेद 19(1)(a) लागू नहीं होता। उन्होंने कहा कि कामरा ने एक विशेष व्यक्ति को निशाना बनाया और यह हास्यात्मक आलोचना की श्रेणी में नहीं आता।
वेनेगांवकर ने कहा,
“जब आप किसी एक व्यक्ति को बार-बार टारगेट करते हैं तो यह हास्य नहीं, बल्कि दुर्भावनापूर्ण हमला होता है।”
उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 21 जो गरिमा की रक्षा करता है, वह केवल वक्ता की ही नहीं बल्कि उस व्यक्ति की भी सुरक्षा करता है जिसके खिलाफ बयान दिए गए हों।
उन्होंने कहा,
“कामरा यह नहीं कह सकते कि मुझे अभिव्यक्ति और गरिमा का अधिकार है लेकिन सार्वजनिक व्यक्ति को यह अधिकार नहीं है। वह व्यक्ति भी समाज में सम्मानपूर्वक जीवन जीने का अधिकारी है, केवल पैरोडी के नाम पर किसी की छवि को खराब करना कानून से छूट नहीं दिला सकता।”
पूरा मामला
कामरा वर्तमान में तमिलनाडु में रहते हैं। उनको इससे पहले मुंबई पुलिस द्वारा दर्ज FIR में अंतरिम अग्रिम जमानत दी गई थी। यह FIR शिवसेना विधायक मुराजी पटेल द्वारा भारतीय दंड संहिता (IPC) की धाराओं 353(1)(b), 353(2) [सार्वजनिक उपद्रव] और भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 356(2) [मानहानि] के तहत दर्ज की गई थी, जिसे बाद में खार पुलिस स्टेशन मुंबई को ट्रांसफर किया गया।
कामरा ने उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का नाम सीधे नहीं लिया था लेकिन शिवसेना कार्यकर्ताओं का दावा है कि उन्होंने शिंदे को गद्दार कहा। इस टिप्पणी से आहत होकर शिवसेना कार्यकर्ताओं ने मुंबई के हैबिटैट स्टूडियो में तोड़फोड़ भी की थी जहां कामरा का शो हुआ था।
इस हिंसा में शामिल 12 लोगों को गिरफ्तार किया गया, जिन्हें बाद में जमानत मिल गई।
कामरा का दावा कि उन्हें इस शो के बाद से जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं।