क्या उसने प्लास्टिक के फूलों पर प्रतिबंध लगाने का कोई निर्णय लिया: बॉम्बे हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से हलफनामा मांगा
बॉम्बे हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से हलफनामा दाखिल करने को कहा कि क्या उसने प्रतिबंधित एकल-उपयोग प्लास्टिक की सूची में प्लास्टिक के फूलों को शामिल करने के लिए केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) द्वारा की गई सिफारिशों पर विचार किया।
चीफ जस्टिस देवेंद्र कुमार उपाध्याय और जस्टिस अमित बोरकर की खंडपीठ पुणे के एसोसिएशन ऑफ नेचुरल फ्लावर ग्रोवर्स द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें महाराष्ट्र में प्लास्टिक के फूलों के उपयोग पर प्रतिबंध लगाने का निर्देश देने की मांग की गई।
इससे पहले न्यायालय ने महाराष्ट्र और केंद्र सरकारों को याचिका पर अपने जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया।
न्यायालय ने पाया कि CPCB ने भारत सरकार को पत्र लिखा था, जिसमें कहा गया कि रसायन और पेट्रोकेमिकल्स विभाग द्वारा गठित एक विशेषज्ञ समिति ने प्रतिबंधित एकल-उपयोग प्लास्टिक वस्तुओं की सूची में प्लास्टिक के फूलों को शामिल किया। इस प्रकार, CPCB ने भारत सरकार से प्लास्टिक के फूलों को सूची में शामिल करने का अनुरोध किया।
केंद्र सरकार के वकील ने न्यायालय को बताया कि विशेषज्ञ समिति ने एकल-उपयोग प्लास्टिक वस्तुओं की सूची में प्लास्टिक के फूलों को शामिल करने की अनुशंसा नहीं की।
न्यायालय ने भारत संघ के वकील से CPCB द्वारा लिखे गए पत्र की विषय-वस्तु पर निर्देश प्राप्त करने को कहा। उन्होंने UOI को हलफनामा दायर करने का भी निर्देश दिया, जिसमें यह खुलासा किया गया हो कि प्लास्टिक के फूलों पर प्रतिबंध लगाने के लिए पत्र में उल्लिखित सिफारिशों पर विचार किया गया या नहीं और क्या कोई निर्णय लिया गया।
केस टाइटल: ग्रोवर्स फ्लावर्स काउंसिल ऑफ इंडिया (जीएफसीआई) और अन्य बनाम भारत संघ और अन्य