प्रयागराज में AIIMS जैसा संस्थान क्यों नहीं बनाया जाना चाहिए: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब मांगा

Update: 2024-09-30 06:32 GMT

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार से जवाब मांगा कि प्रयागराज में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) की स्थापना क्यों आवश्यक नहीं है।

प्रयागराज में AIIMS की स्थापना की मांग करने वाली जनहित याचिका में जस्टिस मनोज कुमार गुप्ता और जस्टिस मनीष कुमार निगम की खंडपीठ ने पहले प्रयागराज में AIIMS की स्थापना में केंद्र सरकार की योजनाओं के बारे में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से जवाब मांगा था।

भारत सरकार स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय (PMSSY) प्रभाग से न्यायालय के समक्ष प्राप्त निर्देशों में कहा गया कि 2014-15 के बजट में उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल क्षेत्र में AIIMS की स्थापना के लिए आवंटन किया गया। राज्य सरकार को संस्थान की स्थापना के लिए उपयुक्त स्थान की पहचान करने की जिम्मेदारी दी गई थी। राज्य सरकार ने गोरखपुर को उपयुक्त स्थान के रूप में चुना था।

एडिशनल सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि 2014-15 के बजट के बाद यूपी में AIIMS की स्थापना के संबंध में कोई नया विचार नहीं किया गया।

कोर्ट ने कहा,

"पिछले दस वर्षों में क्षेत्र में आबादी में काफी वृद्धि हुई है, जिसके परिणामस्वरूप मौजूदा चिकित्सा बुनियादी ढांचे पर भारी दबाव पड़ा है।"

यह देखते हुए कि कोर्ट के आदेशों के बावजूद यूपी में AIIMS की स्थापना के लिए जमीनी हकीकत का कोई आकलन नहीं किया गया। मामले पर राज्य सरकार से जवाब मांगा गया।

मामले को 17 अक्टूबर, 2024 को सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया गया।

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